पाकिस्तान को लगता है कि चीन उसका दोस्त है। लेकिन पाकिस्तान की सरकार ये गलती कर रहा है। क्योंकि चीन उसे कर्ज नहीं दे रहा है बल्कि उसे कर्ज के जाल में फंसा रहा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले पांच साल के बाद चीन पाकिस्तान के भाग्य का फैसला करेगा। हालांकि चीन अभी जो चाह रहा है वह पाकिस्तान में कर रहा है। लेकिन अभी पाकिस्तान की जनता इसका विरोध नहीं कर रही है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान चीन यानी ड्रैगन के जाल में फंसता ही जा रहा है। हालांकि पाकिस्तान की सरकार ये अच्छी तरह से जानती है कि चीन के कर्ज से जाल से बाहर निकलना मुश्किल है। लेकिन लगता है कि पाकिस्तान की सरकार ने तय कर लिया है कि वह चीन का गुलाम बनने को तैयार है। लिहाजा वह लगातार चीन से कर्ज ले रहा है। हालांकि आईएमएफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं पहले ही ये कह चुकी हैं कि चीन कर्ज देकर छोटे देशों को अपना गुलाम बना रहा है।
पाकिस्तान को लगता है कि चीन उसका दोस्त है। लेकिन पाकिस्तान की सरकार ये गलती कर रहा है। क्योंकि चीन उसे कर्ज नहीं दे रहा है बल्कि उसे कर्ज के जाल में फंसा रहा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले पांच साल के बाद चीन पाकिस्तान के भाग्य का फैसला करेगा। हालांकि चीन अभी जो चाह रहा है वह पाकिस्तान में कर रहा है। लेकिन अभी पाकिस्तान की जनता इसका विरोध नहीं कर रही है। लेकिन चीन नागरिक पाकिस्तान में आकर वहां की लड़कियों से शादी कर उन्हें चीन में ले जाकर जिस्मफरोशी के धंधे में पहुंचा रहे हैं।
पाकिस्तान को आईएमएफ की तुलना में दोगुनी कर्ज की राशि चीन को चुकानी है। इस रकम पर लगातार ब्याज बढ़ता ही जा रहा है। यही नहीं पाकिस्तान सऊदी अरब और अन्य देशों से भी कर्ज ले रहा है। ताकि वह चीन का कर्ज लौटा सके। जबकि पाकिस्तान अपने विदेश मुद्रा भंडार में डॉलर की कमी से जूझ रहा है। आईएमएफ के मुताबिक जून 2022 तक पाकिस्तान को चीन को 6.7 अरब डॉलर की रकम चुकानी है। जिसकी उम्मीद कम ही है। लेकिन इसके ऐवज में ड्रैगन पाकिस्तान में अपनी शर्तें थोपेगा। जानकारी के मुताबिक चीन अभी तक पाकिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट में 15 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। जबकि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 62 अरब डॉलर है।
वहीं चीन अब पाकिस्तान में चीनी नागरिकों के लिए विशेष शहर को बना रहा है। जहां कॉलोनियां का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें चीनी नागरिक ही रहेंगे। चीन इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत पाकिस्तान के ग्वादर में 5 लाख चीनी नागरिकों के लिए एक शहर बना रहा है। यह चीन से बाहर पहला शहर होगा जहां पर चीनी नागरिक रहेंगे। हालांकि इस तरह के छोटे शहरों को चीन अफ्रीका में भी स्थापित कर चुका है। जहां पर मजदूर से लेकर सभी तरह के कामगार चीनी नागरिक ही होंगे। इस शहर में चीनी नागरिक 2022 से रहना शुरू कर देंगे। पाकिस्तान पर चीन का 21 अरब डॉलर का कर्ज है जो पाकिस्तान के कुल कर्ज का 20 फीसदी हिस्सा है।
Last Updated Oct 17, 2019, 9:47 AM IST