भारत में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान में करीब एक हजार पाकिस्तान भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चौंक गए ना। ये सच है कि इस चरण में करीब एक हजार पाकिस्तान मूल के लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। असल में ये लोग पाकिस्तान से भागकर राजस्थान के जोधपुर में बस गए। लेकिन इन्हें नागरिकता नहीं मिली थी। केन्द्र सरकार ने अब इन लोगों को वोट करने का अधिकार दे दिया है।

इन लोगों को केन्द्र सरकार ने जनवरी 2019 में नागरिकता दे दी थी। जिसके बाद ये अब भारत के नागरिक हो गए हैं। हालांकि इन लोगों के अतिरिक्त हजारों की संख्या में पाकिस्तान से आए लोगों ने भारत की नागरिकता के लिए अपने आवेदन दिए हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। असल में साल 1991 में कई लोग पाकिस्तान में हो रहे शोषण से बचने के लिए पाकिस्तान से भाग कर भारत आ गए थे। इन्हें तब भारत सरकार ने नागरिकता नहीं दी थी।

इसमें से एक वहां से आए रेवाराम एक मीडिया हाउस के बताया था कि वहां पर काफी अत्याचार हो रहा था और इसके कारण उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि वोट डालने के लिए उन्हें और उनके साथ आए लोगों को 18 साल का इंतज़ार करना पड़ा। लेकिन अब उन्हें खुशी मिली है कि उन्हें भी मताधिकार की ताकत मिली है। रेवाराम पाकिस्तान के टांडो सुमरो इलाके के रहने वाले हैं। चौथे चरण में राजस्थान की कुल 25 लोकसभा सीटों में से 13 पर वोटिंग जारी है।

इसमें जोधपुर भी शामिल है। वहीं रेवाराम के साथ ही गोवर्धन भील भी पहली बार चुनाव में वोट डालेंगे। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 2016 में जिलाधिकारी के ये शक्ति प्रदान कर दी थी वह पाकिस्तान से आए हिंदुओं को नागरिकता दे सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें राज्य के गृहमंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। भारत में केवल पाकिस्तान से ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान भी हिंदुओं का पलायन हो रहा है और वह भारत में बस रहे हैं। जोधपुर के जिलाधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक अभी वहा पर 3,090 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन दिया है।