‘बाहर लोग राहुल गांधी का पेशाब पीने के लिए तैयार हैं और आप इतना भी काम नहीं कर सकते’- यह शब्द हैं यूपीए सरकार में तत्कालीन मंत्री कमलनाथ के। जिन्होंने गृह-मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आर.वी.एस. मणि के सामने यह घृणित भाषा का इस्तेमाल किया। 
जिसका जवाब मणि ने वही दिया, जो किसी भी स्वाभिमान और गौरव वाले भारतीय को देना चाहिए। 

आर.वी.एस.मणि ने कहा, कि ‘आपलोग मूत्र का स्वाद जानते हैं, आप इसे पी सकते हैं, लेकिन मैं सच्चाई के लिए खड़ा रहूंगा’।

तत्कालीन शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने यह घटिया बात एक अधिकारी के सामने क्यों कही। यह और ज्यादा सनसनीखेज है। 

दरअसल उस समय सभी कांग्रेस नेता हिंदू आतंकवाद की झूठी थ्योरी गढ़ने में लगे थे और इसके लिए वह गृह-मंत्रालय के तत्कालीन अंडर सेक्रेटरी आर.वी.एस.मणि की मदद चाहते थे। 
कांग्रेस के नेता चाहते थे, कि आर.वी.एस.मणि गुजरात में हुए इशरत जहां मुठभेड़ मामले की गुजरात के तत्कालीन नरेंद्र मोदी की आलोचना करें। 

आर.वी.एस.मणि ने एक घंटे का एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने दावा किया है, कि कमलनाथ और उनके साथ दो दूसरे अधिकारियों ने इस मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ करने के लिए आर.वी.एस.मणि पर दबाव डाला। 
लेकिन मणि ने सबूतों को गलत साबित करने वाली कोई भी बयानबाजी करने से इनकार कर दिया। 

इसी बात पर कमलनाथ ने यह शर्मनाक टिप्पणी की, कि ‘बाहर लोग राहुल गांधी का पेशाब पीने के लिए तैयार हैं और आप इतना भी काम नहीं कर सकते’

गृह-मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आर.वी.एस. मणि ने अपनी पुस्तक हिंदू आतंक  में उस समय की  घटनाओं के बारे में विस्तार से लिखा है। जिससे यह पता चलता है, कि कैसे सोनिया गांधी की अध्यक्षता में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार का नेतृत्व,  वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और 'हिंदू आतंक' की थ्योरी का प्रचार करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ रहा था। 

दस्तावेजों और विवरणों के माध्यम से पुस्तक यह भी साबित करती है कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने किस तरह 'हिंदू आतंक' का शब्द उछाला था। 

उधर मणि के इस खुलासे के बाद ट्वीटर पर #पप्पूमूत्र ट्रेंड करने लगा है। लोग तरह तरह की मीम्स बनाकर पोस्ट कर रहे हैं। आईए आपको भी दिखाते हैं कुछ मजेदार फोटो--