नई दिल्ली--भारतीय संसद पर आतंकी हमले की आज 17वीं बरसी है। 13 दिसंबर, 2001 को देश की राजधानी के सबसे महफूज माने जाने वाले संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। 

उस दिन एक सफेद एंबेसडर कार में आए 5 आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था। यह हमला सुबह 11:30 मिनट पर शुरू किया गया था। एके-47 से लैस पांच आतंकियों ने संसद के गेट नंबर 1 पर खड़ी एक सफेद रंग की कार में बैठकर अंधाधूंध फायरिंग की थी। 

आतंकियों ने करीब 30-45  मिनट तक लगातार संसद भवन में गोलियां बरसाईं और बारुद गोले फेंके। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा कर्मि‍यों पर हमला कर भागने की कोश‍िश की लेक‍िन जांबाज जवानों ने अपनी जान पर खेलकर सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया। 

इसके बाद इस हमले की मास्टर माईंड अफजल गुरु को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में फांसी की सजा सुनाई और 9 फरवरी, 2013 को उसे नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी दे दी गई। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद पर हुए हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को सलाम करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी लोगों को प्रेरणा देती है। हमले की 17वीं बरसी पर, मोदी ने ट्विटर पर सुरक्षा कर्मियों के साहस को याद किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों की बहादुरी को सलाम करते हैं, जिन्होंने 2001 में इसी दिन हमारे संसद पर हुए नृशंस हमले के दौरान शहीद हो गए थे। उनकी हिम्मत और वीरता हर भारतीय को प्रेरित करती है।’’