दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व आप नेता व वर्तमान में स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव पर तीन अप्रैल को आरोप तय होगा। पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल जज समर विशाल ने यह फैसला दिया है। 

हालांकि योगेंद्र यादव ने कोर्ट में अर्जी देकर इस केस से अपना नाम हटाने की गुजारिश की है। पेशे से वकील और तत्कालीन आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने आरोप लगाया था कि 2013 में आप ने उनसे संपर्क किया था और पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने को कहा था। 

शर्मा का कहना था कि केजरीवाल उनके सामाजिक कार्यो से खुश थे। शर्मा ने दावा किया कि 14 अक्टूबर 2013 को प्रमुख अखबारों में छपी खबरों में केजरीवाल ने उनके खिलाफ अपमानजनक और खराब शब्दों का इस्तेमाल किया था। 

उनके आरोपों की वजह से बार एसोसिएशन और समाज में उनके सम्मान को नुकसान पहुंचा था।

 दरअसल सुरेंद्र शर्मा को आम आदमी पार्टी से शाहदरा से 2013 विधानसभा चुनाव में टिकट दिया गया था। लेकिन फिर बाद में सुरेंद्र शर्मा का टिकट काटकर किसी और को दे दिया गया।

 सुरेंद्र पर आम आदमी पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि वो आपराधिक छबि के है। जिसके बाद शर्मा ने कड़कड़डूमा कोर्ट में तीनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।