नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री शरद पवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शरद पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बैख घोटाले में एफआईआर की है। शरद पवार के साथ ही ईडी ने उनके भतीजे अजित पवार, आनंद राव, जयंत पाटिल के खिलाफ केस दर्ज किया है।

महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने हैं और इससे पहले पवार के खिलाफ एफआईआर होने से उनके साथ ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई है। ईडी उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है या फिर पूछताछ के लिए बुला सकती है। फिलहाल महाराष्ट्र में हुए राज्य सहकारी बैंक घोटाले का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। 

उधर चुनाव से पहले शरद पवार के खिलाफ एफआईआर पर वह उन्होंने कहा कि मैं ये जानता था कि ऐसा होगा और मैं इसका स्वागत करता हूं। असल में पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को राज्य में हुए घोटाले में अजित पवार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।

राज्य की को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार का नाम था। यही नहीं इस मामले में कोर्ट ने अजित पवार के साथ इस घोटाले में शामिल 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा था।  शरद पवार के भतीजे अजित पवार 10 नवंबर 2010 से 26 सितंबर 2014 तक उपमुख्यमंत्री थे और इसी दौरान ये घोटाला हुआ था। इसके लिए पहले नाबार्ड ने जांच कराई थी।

नाबार्ड की जांच में ये बात सामने आई कि नियमों को दरकिनार कर कर्ज बांटे गए। गौरतलब है कि राज्य में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। एनसीपी राज्य में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। लेकिन पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि भाजपा इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकती है।