मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीं के मुखिया शरद पवार अपने बागी भतीजे और विधायक अजित  पवार को लेकर दबाव में दिख रहे हैं। शरद  पवार ने अभी तक अजित पवार के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं की है। अजित पवार को मनाने की कोशिशें जारी हैं। जबकि वह मान नहीं रहे हैं। जिसके बाद पार्टी मुखिया पर उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही का दबाव है। जिसको लेकर पवार अभी बच रहे हैं।

हालांकि एनसीपी का दावा है कि अभी तक राज्य में राज्य में पार्टी में किसी भी तरह की टूट नहीं हुई है। अजित पवार को मनाया जा रहा है। लेकिन अजित पवार नाराज क्यों हैं इसका जवाब पार्टी का कोई जिम्मेदार नेता नहीं दे रहा है। जबकि पार्टी ने संसदीय दल के नेता के पद से अजित पवार को हटा दिया है। उन्हें पार्टी की सदस्यता से निष्कासित नहीं किया गया है। वहीं माना जा रहा है कि अभी तक 13 विधायकों का समर्थन अजित पवार के साथ हैं। जबकि 41 विधायकों का समर्थन शरद पवार को है।

पिछले दिन दिनों में अजित पवार को मनाने के लिए एनसीपी के सभी दिग्गज नेता उनसे मिल चुके हैं। लेकिन अजित पवार अपने रूख पर कायम हैं। अजित पवार ने भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस के साथ राज्य ही राज्य में उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी। जिसे एनसीपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। हालांकि रविवार को चले घटनाक्रम में ज्यादातर विधायकों ने अजित पवार का साथ छोड़ दिया था। लेकिन पार्टी को लगता है कि सदन में विश्वासमत के दौरान कई और विधायक अजित पवार का साथ दे सकते हैं।

उधर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि उनकी अजित पवार के साथ बैठक हुई है और जल्द ही उनके साथ एक और बैठक होगी। जिसमें किसी सार्थक परिणाम की निकलने की उम्मीद है। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कल तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है। एनसीपी भी अजित पवार को मनाने के लिए उनके करीबी नेताओं को बातचीत के लिए भेज रही है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल भी अजित पवार को मनाने के लिए पहुंचे।