राज्य में कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और राहुल गांधी की मुलाकात से राजस्थान की सियासत में हलचल मची। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने भरोसा दिलाया है कि उनका सम्मान बचा रहेगा और राज्य में कुछ बदलाव किए जाएंगे।
नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट फिलहाल खत्म नहीं हुआ है। लेकिन राज्य में छाए सियासी बादलों छटनें शुरू हो गए हैं। क्योंकि राज्य के मौजूदा घटनाक्रम के बीच राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की चर्चा जोरों पर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को भरोसा दिया गया है कि राज्य में उनका सम्मान बचा रहेगा।
राज्य में कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और राहुल गांधी की मुलाकात से राजस्थान की सियासत में हलचल मची। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने भरोसा दिलाया है कि उनका सम्मान बचा रहेगा और राज्य में कुछ बदलाव किए जाएंगे। वहीं सचिन पायलट की राहुल गांधी की मुलाकत के बाद प्रदेश कांग्रेस और अशोक गहलोत खेमे में भी खलबली मची हुई है। क्योंकि गहलोत किसी भी हाल में पायलट और उनके समर्थक विधायकों को पार्टी में वापस नहीं लाना चाहता है और अगर ऐसा होता है तो ये अशोक गहलोत की नैतिक हार होगी। क्योंकि गहलोत पिछले एक महीने से सचिव पायलट को पार्टी में किसी भी पद पर नियुक्त न करने के लिए अपने समर्थक विधायकों को एकजुट किए हुए हैं और राज्य में वह सचिव पायलट की किसी भी हाल में फिर से एंट्री नहीं चाहते हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी रूख अपनाए सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की है। वहीं अब पार्टी आलाकमान की ओर से पायलट को भरोसा दिलाया गया है कि उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा। बताया जा रहा था कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के जरिए पायलट गुट की राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी। वहीं अब पायलट की राहुल से इस मुलाकात के बाद पायलट के खिलाफ बयानबाजी करने वाली गहलोत खेमे के नेताओं के बीच खलबली मची हुई है।
क्या राहुल गांधी बना रहे हैं टीम
सचिन पायलट को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। लेकिन राहुल गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से हटने के बाद कांग्रेस में सोनिया गुट ने उनके करीबी नेताओं को किनारे करना शुरू कर दिया था। भले ही मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया हो या फिर हरियाणा में अशोक तंवर या फिर महाराष्ट्र में संजय निरूपम। वहीं कांग्रेस में एक धड़ा राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करना चाहता है। लिहाजा माना जा रहा है कि राहुल गांधी फिर से अपनी टीम को दुरूस्त रखना चाहते हैं।
फ्लोर टेस्ट के पक्ष में नहीं कांग्रेस
असल में राज्य में कांग्रेस राजस्थान सरकार के फ्लोर टेस्ट के पक्ष में नहीं है। वहीं अशोक गहलोत चाहते हैं कि वह सचिव पायलट के समर्थक विधायकों के समर्थन फ्लोर में विश्वास हासिल करे। अगर ऐसा होता है तो राज्य में सचिन पायलट की गुट की जरूरत पार्टी को नहीं होगी। वहीं कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है। क्योंकि कांग्रेस जानती कि पालयट के जाने से पार्टी को बड़ा झटका लगेगा।
Last Updated Aug 10, 2020, 6:50 PM IST