इमरान ख़ान ने उमरकोट में स्थित शिव मंदिर का दौरा करने का फैसला किया है। इसके जरिए वह वहां के अल्पसंख्यकों को संदेश देना चाहते हैं। या हो सकता है कि इसके जरिए इमरान खान भारत के खिलाफ कोई नई चाल चल रहे हों। पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और सिक्खों पर जुल्म होना आम बात है। इसके लिए वहां के कट्टरपंथियों को सरकार और वहां की सेना का संरक्षण मिला हुआ होता है और वह खुलकर हिंदूओं पर अत्याचार करते हैं और उनका धर्मांतरण कराते हैं।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सेक्यूलर इमेज बनाने के लिए पाकिस्तान के उमरकोट में स्थित शिवमंदिर में भगवान शिव का दर्शन करेंगे। जबकि पाकिस्तान में हिंदूओं और अल्पसंख्यकों को होने वाले अत्याचार पर वह हमेशा ही चुप रहते हैं। फिलहाल इमरान ख़ान ने उमरकोट में स्थित शिव मंदिर का दौरा करने का फैसला किया है। इसके जरिए वह वहां के अल्पसंख्यकों को संदेश देना चाहते हैं। या हो सकता है कि इसके जरिए इमरान खान भारत के खिलाफ कोई नई चाल चल रहे हों।

पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और सिक्खों पर जुल्म होना आम बात है। इसके लिए वहां के कट्टरपंथियों को सरकार और वहां की सेना का संरक्षण मिला हुआ होता है और वह खुलकर हिंदूओं पर अत्याचार करते हैं और उनका धर्मांतरण कराते हैं। इसके लिए कई बार अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर महीने हिंदू लड़कियों को अगवाकर उनका धर्मांतरण कराया जाता है। इसके लिए वहां की सेना और पुलिस का मदरसों और मस्जिदों को संरक्षण मिला हुआ होता है।

लेकिन अब इमरान खान अपनी छवि को सुधारने के लिए पाकिस्तान के उमरकोट में स्थित शिव मंदिर जाएंगे और वहां के हिंदू समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। इमरान खान की ये चाल अल्पसंख्यकों को लुभाने की है। ताकि इसके जरिए वह भारत को घेर सकें। पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पीएम सिंध के उमरकोट में स्थित एक शिव मंदिर में जा रहे हैं। लगता है भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी की शिवभक्ति को लेकर इमरान खान भी प्रभावित हो रहे हैं।

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ये सभी जानते हैं पीएम नरेन्द्र मोदी शिवभक्त हैं और इसी लिए उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के तौर पर वाराणसी को चुना था। फिलहाल पाकिस्तान के कट्टपंथियों को इमरान खान का ये चेहरा बदलने का फैसला समझ में नहीं आ रहा है और वह इसकी आलोचना कर रहे हैं।