नई दिल्ली— 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इसके 50 एपिसोड पूरे होने पर देश को बधाई दी। मोदी ने कहा कि यह ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें आवाज मेरी, लेकिन भावना आपकी है। पीएम मोदी ने 'मन की बात' के इस सत्र में संविधान दिवस और गुरुनानक देव जयंती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बात की।

रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने का अहम फैसला लिया है ताकि देश के लोग पाकिस्तान में करतारपुर आसानी जा सकें और गुरु नानद देव जी से जुड़े तीर्थ का दर्शन कर सकें।

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, बात 1998 की है,  उस समय मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था। मई का महीना था और मैं शाम के समय सफर करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था।'

हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिए रुका और जब मैं चाय के लिए ऑर्डर किया तो उसके पहले, वो बहुत छोटा सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था। ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही रोड के किनारे पर छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था। तो उसने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला –साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए। मुंह मीठा कीजिए।'

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या। उसने कहा नहीं-नहीं भाईसाहब, आपको मालूम नहीं क्या? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ! अरे बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया है। मैंने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है! मैं कुछ समझा नहीं! तो उसने कहा - देखिए साहब, रेडियो सुनिए। तो रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी। और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गई थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है।

'मन की बात' में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत का मूल प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है। भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज शक्ति है।राजनीति सबकुछ हो जाए, यह स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है। कभी-कभी राजनीतिक घटनाएं और राजनीतिक लोग इतने हावी हो जाते हैं कि समाज की अन्य प्रतिभाएं और पुरुषार्थ दब जाते हैं।'

इस दौरान हैदराबाद की शालिनी ने पीएम से सवाल पूछा, 'शुरू में लग रहा था कि मन की बात भी राजनीतिक बनकर रह जाएगा, लेकिन अब इसमें कहीं भी राजनीति नहीं है। इस मंच को राजनीति से दूर रखने में आप कैसे सफल हुए हैं।' इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ' नेता को माइक मिल जाए और लाखों सुनने वाले हों तो और क्या चाहिए। कुछ युवाओं ने मन की बात के कार्यक्रम का विष्लेशण किया। उन्होंने पाया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह अराजनीतिक रहा। इसमें कहीं भी राजनीति, पार्टी और मोदी नहीं है। मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन देश अटल रहेगा।' 

 प्रधानमंत्री ने कहा कहा, 'कल ‘संविधान दिवस’ है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया। 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था। संविधान ड्राफ्ट करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे। कल्पना कीजिए 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया।

इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी टाइम मैनेजमेंट और प्रॉडक्टिविटी का एक उदाहरण है। ये हमें भी अपने दायित्वों को रेकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी, उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, गरीब से गरीब व्यक्ति भी समर्थ बने। हमारे संविधान में खास बात यही है कि इसमें अधिकार और कर्तव्य के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा।