प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद देश के संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज आत्मविश्वास से भरा हुआ है। सपनों को संकल्प के साथ परिश्रम की पराकाष्ठा के साथ ऊंचाइयों को हासिल कर रहा है। आज का सूरज नया उमंग नई उत्साह लेकर आया है। हमारे देश में 12 साल में एक बार नील कुरुंज का फूल उगता है। इस साल दक्षिण के नीलगिरी पर्वत पर नील कुरुंजी फूल देश के तिरंगे की तरह लहलहा रहा है।
 
पीएम ने कहा, पहले विश्व के दूसरे देश हमारे साथ जुड़ने से हिचकिचाते थे, कहते थे कि भारत की अर्थव्यवस्था में जोखिम है लेकिन आज वही देश हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं और उन्हें भारत में अवसर नजर आते हैं। आज भारत की हर चीज पर पूरा विश्व नजर रखता है। 2014 के बाद ये स्थिति बदली है। भारत की भूमिका अंतरराष्‍ट्रीय मंचों में पर बढ़ी है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत एक सोया हुआ हाथी है, जो जाग गया है। 2014 से पहले दुनिया की गणमान्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री कभी भारत के लिए क्या कहा करते थे। वह भी एक जमाना था कि हिंदुस्तान की अर्थव्‍यवस्‍था बड़ी रिस्क से भरी है वही लोग आज हमारे सुधारों की तारीफ कर रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, आजादी का यह पर्व हम तब मना रहे हैं जब हमारी बेटियां, उतराखंड, हिमाचल, आंध्र प्रदेश की बेटियों ने सात समंदर पार किया और सातों समंदर पर तिरंगा लहराकर लौट आईं। एवरेस्ट विजय तो बहुत हुई। हमारे अनेक वीरों और बेटियों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। आजादी के इस पर्व पर याद करूंगा कि आदिवासी इलाकों के हमारे बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इसकी शान बढ़ा दी है।
 
अभी-अभी लोकसभा और राज्यसभा का सत्र सभा हुआ। यह सत्र बहुत अच्छे ढंग से चला और यह शोषित, वंचितों और महिलाओं के लिए काम किया। समाजिक न्याय को मजबूत किया। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर उनके हकों की रक्षा का प्रयास किया। हमारे देश में उन खबरों ने देश में एक चेतना लाई है कि भारत विश्व की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
 
ऐसे सकारात्मक माहौल में हम आजादी का पर्व मना रहे हैं। देश को आजादी दिलाने के लिए बापू के नेतृत्व में लाखों लोगों ने जवानी जेलों में गुजार दी। बहुत से लोगों ने आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया। मैं उन वीरों को सलाम करता हूं।
 
इस तिरंगे की आन-बान-शान के लिए सैनिक दिन रात देश की सेवा में लगे रहते हैं। मैं अर्धसैनिक बलों और पुलिसबल को लाल किले की प्राचीर से शत-शत नमन करता हूं। इन दिनों देश के कोने-कोने से अच्छी बर्षा के साथ बाढ़ की खबरें आ रही हैं। ज्यादा बारिश की वजह से जिन्हें मुसीबतें झेलनी पड़ीं उनके लिए देश खड़ा है। जिन्होंने अपनों को खोया है उनके दुख में मैं सहभागी हूं।
 
अगले साल जलियांवाला बाग की घटना को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। मैं उन सभी वीरों को नमन करता हूं।
 
ये आजादी ऐसे ही नहीं मिली है। पूज्य बापू के नेतृत्व में नौजवानों, सत्याग्रहियों ने जवानी जेलों में काटकर हमें आजादी दिलाई। उन्होंने कुछ सपने भी संचोए थे। आजादी से पहले तमिलनाडु के कवि सुब्रमण्यन भारती ने कहा था 'भारत दुनिया के सभी बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।' इन महापुरुषों के सपनों को पूरा करने के लिए आजादी के बाद बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में समावेशी संविधान बनाया। इसमें समाज के हर तबके को समान रूप से अवसर दिया गया है।
 
हमारा संविधान कहता है कि गरीबों को न्याय मिले। जन जन को आगे बढ़ने का मौका मिले। निम्न मध्य वर्ग, मध्य वर्ग को और उच्च वर्ग को आगे बढ़ने का मौका मिले। हमारे बुजुर्ग हमारे दिव्यांग, महिलाएं, दलित, पिछड़े, सोशित, आदिवासी को आगे बढ़ने का मौका मिले। हम चाहते हैं कि दुनिया में भारत की धमक हो।
 
मैंने पहले भी टीम इंडिया का सपना आपके सामने रखा है। जब जन-जन देश को आगे बढ़ाने के लिए जुटते हैं तो क्या कुछ नहीं हो सकता। मैं नम्रता के साथ कहना चाहूंगा कि 2014 में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने सिर्फ सरकार नहीं बनाई, देश को आगे बढ़ाने के लिए जुटे रहे।
एलपीजी गैस कनेक्शन 2013 की रफ्तार से चले होते तो उस काम को पूरा करने में 100 साल भी ज्यादा लगता। ऑपटिकल फाइबर बिछाने में उस गति से पहुंचाने में सदियां लग जातीं। देश की अपेक्षाएं बहुत हैं। आज देश में बदलाव आया है। देश वही है, धरती वही है। हवा, आसमान वही हैं। अधिकारी वही हैं फाइलें वहीं हैं, लेकिन 4 साल में देश बदलाव महसूस कर रहा है। देश दोगुने हाइवे बना रहा है चार गुना मकान बना रहा है। देश रिकॉर्ड अन्न उत्पादन के साथ-साथ रिकॉर्ड मोबाइल बना रहा है। रिकॉर्ड ट्रैक्टर से रिकॉर्ड हवाई जहाज खरीदारी हो रही है। देश में नए आईआईटी, नए आईआईएम, नए एम्स बना रहा है। टायर-2 टायर थ्री सिटी में स्टार्टअप्स की बाढ़ है।
 
पीएम ने कहा, हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं, क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरि है। आज पूर्वोत्‍तर भारत भी देश के विकास के साथ जुड़ रहा है। चार साल में नार्थ ईस्‍ट को भारत के साथ लाकर खड़ा कर दिया है।