शिव के अनन्य भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जून 2013 में केदारनाथ में आई आपदा और उसके बाद से चल रहे पुनर्निर्माण की कहानी बताने वाली किताब 'केदारनाथ से साक्षात्कार' भेंट की गई है। इस किताब को वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी ने लिखा है। खास बात यह है कि पीएम मोदी को यह किताब केदारनाथ मंदिर के सामने ही भेंट की गई। पीएम केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेने दिवाली वाले दिन केदारनाथ पहुंचे थे। 

पांच साल पहले केदारनाथ में आई प्रलयंकारी बाढ़ कभी न भूलने वाली घटना है। प्रकृति की इस विनाशलीला और उसके बाद केदार घाटी को उसका दिव्य एवं भव्य स्वरूप लौटाने के लिए चले प्रयास को देखने और कवर करने के अनुभवों को मनजीत नेगी ने ''केदारनाथ से साक्षात्कार'' के रूप में संकलित किया है। एक टीवी पत्रकार होने के नाते उन्होंने इस आपदा को कवर किया और पिछले पांच साल में आपदा और पुनर्निर्माण के दौरान भी वह कई बार केदारनाथ जा चुके हैं।

यह किताब केदारनाथ में आई प्रलंयकारी बाढ़ से पहले प्रकृति के संकेतों से शुरू होती है। इसके बाद एक पत्रकार की किसी बड़ी घटना को कवर करने की जिद को बताती है। लेखक ने हर घटना को अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर जीवंत किया है।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण के दौरान आई चुनौतियां और उनसे निपटने का तरीका किताब को रोचक और पठनीय बनाता है। यह किताब बताती है कि कैसे शासन प्रशासन द्वारा विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत हारने के बाद सेना के एक अधिकारी ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने का जज्बा दिखाया और रिकॉर्ड समय में वह कर दिखाया जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी। 

केदारनाथ में पुनर्निर्माण के काम को सफल बनाने में निम के प्रिंसिपल रहे कर्नल अजय कोठियाल और उनकी टीम का अहम योगदान रहा है। उनकी टीम ने हर मौसम में पुनर्निर्माण का काम जारी रखा। बर्फबारी समेत तमाम मुश्किलों के बीच केदारनाथ का कायाकल्प कर दिखाया।

पीएम मोदी ने "केदारनाथ से साक्षात्कार" किताब लिखने के लिए लेखक को बधाई दी। पीएम मोदी ने इस किताब के लिए खासतौर पर अपना शुभकामना संदेश भेजा था। पीएम ने इसे जीवट पत्रकारिता का पठनीय संकलन बताया था। इससे पहले 8 अक्टूबर को उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट के दौरान देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने "केदारनाथ से साक्षात्कार" का विमोचन किया था।