राष्ट्रीय पुलिस दिवस के मौके रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल पुलिस मेमोरियल का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री पुलिस और पैरा मिलिटरी के जवानों के शौर्य को याद करते हुए भावुक हो गए। पीएम ने आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ में तैनात जवानों के शौर्य को याद किया।

उन्होंने ने इस मौके पर ऐलान किया कि अब से हर साल नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती 23 जनवरी को उनके नाम से जवानों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, आपदा प्रबंधन में दूसरों का जीवन बचाने वाले ऐसे पराक्रमी वीरों के लिए आज मैं एक सम्मान का ऐलान कर रहा हूं। ये सम्मान, भारत माता के वीर सपूत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर प्रतिवर्ष दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने पुलिस के बलिदान को याद करते हुए कहा कहा, 'आज का दिन सेवा और सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है। पुलिस स्मृति दिवस उन साहसी पुलिस वीरों की गाथा का भी स्मरण है जिन्होंने लद्दाख की बर्फीली चोटियों में प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में काम किया, अपना जीवन समर्पित किया। आजादी से लेकर अबतक कर्तव्य का पालन करते हुए अपना जीवन न्योछावर करने वालों को मेरा नमन।'

 

आपको बता दें कि 21 अक्टूबर को हर साल नैशनल पुलिस डे का आयोजन 19959 में लद्दाख में चीन के सैनिकों के हमले में शहीद हुए पुलिस के 10 जवानों की शहादत की याद में किया जाता है। भाषण के दौरान पीएम भावुक हो गए और उनका गला भर आया। 

पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, 'इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में 70 साल क्यों लग गए। पुलिस स्मृति दिवस मनाते हुए भी 60 साल हो गए, फिर इतने दिन इंतजार क्यों। ऐसे मेमोरियल का विचार 25-26 साल पहले कौंधा था। तबकी सरकार ने इसे मंजूरी भी दे दी थी। अटल सरकार ने इसपर काम किया। 2002 में तत्कालीन गृहमंत्री आडवाणी ने इस मेमोरियल का शिलान्यास किया। आज आडवाणी जी यहां मौजूद हैं, अपने काम को पूरा होते हुए देख रहे हैं। पहले की सरकारों ने दिल से प्रयास किया होता तो मेमोरियल कई साल पहले बन जाता। लेकिन आडवाणी जी ने जो शिलान्यास किया था, उस पत्थर पर यूपीए सरकार ने धूल जमने दी। शायद अच्छे काम के लिए ईश्वर ने मुझे ही चुना है।' 

कार्यक्रम में मौजूद शहीद के परिवारों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'मैं आपके सामने नतमस्तक हूं, आपने देश के लिए बड़ा त्याग किया है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का मौका मिला है।