इससे पहले आज सुबह, नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले अपनी मंत्रिपरिषद को व्यवस्थित रूप देने के लिये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की। नरेन्द्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में शाम 7 बजे शपथ लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले नई कैबिनेट में जगह पाने वाले सभी नेताओं को अपने आवास पर चाय पर बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार की शाम साढे़ चार बजे सभी संभावित मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे और चाय पर चर्चा करेंगे।
इससे पहले आज सुबह, नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले अपनी मंत्रिपरिषद को व्यवस्थित रूप देने के लिये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की। नरेन्द्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में शाम 7 बजे शपथ लेंगे।
सरकार गठन को लेकर मोदी और शाह पिछले दो दिनों में कई दौर की वार्ता कर चुके हैं। सरकार गठन के संदर्भ में गहमागहमी के बीच अमित शाह का अकबर रोड स्थित आवास केंद्र बना हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ सदस्य जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रकाश जावड़ेकर के नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों में हैं।
इसके अलावा सदानंद गौड़ा, थावर चंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, गिरिराज सिंह, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, दिलीप घोष, जितेन्द्र सिंह, नित्यानंद राय, बाबुल सुप्रियो, जितेन्द्र सिंह, निरंजन ज्योति, रमेश निशंक, मनसुख मंडाविया को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की संभावना है।
वहीं देशभर की नजर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट में दो अहम मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों पर है। इनमें वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय शामिल है। जहां वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली को शामिल किए जाने पर सस्पेंस इसलिए बरकरार है कि जेटली ने स्वास्थ कारणों से मंत्रिपरिषद में न शामिल किए जाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर भी सवाल खड़ा है। जहां राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सुषमा स्वराज को एक बार फिर महत्वपूर्ण विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के लिए कहा जा सकता है वहीं कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि स्वास्थ कारणों से सुषमा स्वराज के शामिल किए जाने पर संशय है। दरअसल बीते एक-दो साल के दौरान विदेश मंत्री स्वराज की तबीयत ठीक नहीं है। वहीं मोदी सरकार के सामने आने वाले दिनों में विदेश नीति में आक्रामक भूमिका अदा करने का दबाव है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री यह जिम्मेदारी किसी अन्य वरिष्ठ मंत्री को दे सकते हैं।
इनके अलावा प्रहलाद पटेल, कैलाश चौधरी, कृष्णा रेड्डी, सुरेश अंगड़ी, राव साहब दानवे को भी मंत्रिपरिषद में स्थान मिलने के संकेत हैं। संभावना है कि नये मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा की बढ़ती ताकत प्रतिबिंबित हो सकती है।
लोकजनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें उसके अध्यक्ष रामविलास पासवान को मोदी सरकार में उसके प्रतिनिधि के तौर पर शामिल करने की सिफारिश की गई । आरपीआई से रामदास अठावले भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं ।
अन्नाद्रमुक जो कि पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा नहीं थी, उसने मात्र एक सीट जीती है। उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है क्योंकि पार्टी तमिलनाडु में सत्ता में है और भाजपा की प्रमुख सहयोगी द्रविड़ पार्टी है। अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिपरिषद में शामिल होने के संकेत मिले हैं । अपना दल से अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकती हैं।
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलायी थी।
Last Updated May 30, 2019, 3:51 PM IST