अपने रेडियो संबोधन 'मन की बात' के 49वें अंक में पीएम ने कहा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश की तरफ से सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर 'रन फॉर यूनिटी' में जरूर लें हिस्सा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 49वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने सबसे पहले सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को उनकी जयंती है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश की तरफ से लौहपुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी।

पीएम मोदी ने कहा, 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती के मौके पर हर वर्ष की तरह ‘रन फॉर यूनिटी’ के लिए देश का युवा दौड़ने को तैयार है। अब तो मौसम भी बहुत सुहाना होता है। यह ‘रन फॉर यूनिटी’ के लिए जोश को और बढ़ाने वाला है। मेरा आग्रह है कि सब बहुत बड़ी संख्या में एकता की इस दौड़ में भाग लें। 

उन्होंने कहा, आजादी से लगभग साढ़े छह महीने पहले, 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके कवर पेज पर सरदार पटेल का फोटो लगा था। अपनी मुख्य खबर में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था और ये वैसा नक्शा नहीं था जैसा कि हम आज देखते हैं। ये एक ऐसे भारत का नक्शा था, जो कई भागों में बंटा हुआ था। तब 550 से ज्यादा रियासतें थीं। भारत को लेकर अंग्रेजों की रूचि खत्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को अलग-थलग करके छोड़ना चाहते थे। टाइम पत्रिका ने लिखा था कि भारत पर विभाजन, हिंसा, खाद्यान्न -संकट, महँगाई और सत्ता की राजनीति से जैसे खतरे मंडरा रहे थे। पत्रिका ने लिखा कि इन सबके बीच देश को एकता के सूत्र में पिरोने और घावों को भरने की क्षमता यदि किसी में है तो वो सरदार वल्लभभाई पटेल हैं। 

पीएम ने कहा, इस 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी। इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊंचाई अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी है। ये विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। हर भारतीय इस बात पर अब गर्व कर पाएगा कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा भारत की धरती पर है। वो सरदार पटेल जो जमीन से जुड़े थे, अब आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे। 

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उन्होंने कहा, 27 अक्टबर को इंफैंट्री डे मनाया गया। मैं उन सभी को नमन करता हूं जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं। मैं अपने सैनिकों के परिवारों को भी उनके साहस के लिए सलाम करता हूं। इस दिन को मनाए जाने का कारण बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह वही दिन है जब भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के सुझाव पर भारतीय सेना के जवान कश्मीर की धरती पर उतरे थे और घुसपैठियों से घाटी की रक्षा की थी। 

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पीएम मोदी ने जकार्ता में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में देश का नाम रोशन करने वाले पैरा एथलीट्स से मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि खेल जगत में स्पिरिट, स्ट्रेंथ, स्किल, स्टैमिना ये सारी बातें बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये किसी खिलाड़ी की सफलता की कसौटी होते हैं और यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के भी महत्वपूर्ण होते हैं। पहले जकार्ता में हुए एशियन पैरा गेम्स 2018 में भारत ने कुल 72 पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया। इन सभी प्रतिभावान पैरा एथलीट से मुझे निजी तौर पर मिलने का सौभाग्य मिला। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और हर विपरीत परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ने का उनका जज़्बा हम सभी देशवासियों को प्रेरित करने वाला है। इसी तरह से अर्जेंटीना में हुए समर यूथ ओलंपिक 2018 के विजेताओं से मिलने का मौका मिला। पीएम ने कहा, इस वर्ष भारत को भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है। यह 28 नवम्बर से प्रारंभ होकर 16 दिसम्बर तक चलेगा। हर भारतीय चाहे वह कोई भी खेल खेलता हो या किसी भी खेल में उसकी रूचि हो हॉकी के प्रति एक लगाव, उसके मन में अवश्य होता है। भारत का हॉकी में एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। 

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पीएम ने समाजिक कार्यों के लिए सामाजिक संस्थाओं को योगदान का जिक्र करते हुए कहा, पिछले दिनों मैं एक कार्यक्रम में गया था जहां एक पोर्टल लांच किया गया, जिसका नाम है- ‘सेल्फ 4 सोसायटी’। MyGov और देश की आईटी और इलेक्ट्रॉनिक ने अपने कर्मचारियों को सामाजिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करने और उन्हें इसके अवसर उपलब्ध कराने के लिए इस पोर्टल को लांच किया है । 

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पीएम मोदी ने कहा कि आज सारा विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहा है। संतुलित जीवनशैली के लिए नए रास्ते ढूंढे जा रहे हैं। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है। हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह करते हैं। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे। भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है, जिन्होंने अपनी वन्य भूमि की रक्षा के लिए रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया।

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पीएम ने कहा, भारत के लिए इस वर्ष 11 नवंबर का विशेष महत्व है क्योंकि 11नवंबर को 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। यानि उस दौरान हुए भारी विनाश और जनहानि की समाप्ति की एक सदी पूरी हो जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि जब कभी भी विश्व शांति की बात होती है तो इसको लेकर भारत का नाम और योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिखेगा। 

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पीएम ने पूर्वोत्तर में हो रही आर्गेनिक फार्मिंग का खास तौर पर उल्लेख किया।

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