प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज गुजरात से श्रमयोगी मानधन योजना की शुरूआत करेंगे। केन्द्र सरकार ने बजट में इस योजना को शुरू करने का ऐलान किया था। इस योजना के तहत दिहाड़ी व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को हर माह पेंशन दी जाएगी। हालांकि नियमों के मुताबिक लाभार्थी की मासिक आय 15 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज गुजरात से श्रमयोगी मानधन योजना की शुरूआत करेंगे। केन्द्र सरकार ने बजट में इस योजना को शुरू करने का ऐलान किया था। इस योजना के तहत दिहाड़ी व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को हर माह पेंशन दी जाएगी। हालांकि नियमों के मुताबिक लाभार्थी की मासिक आय 15 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
पीएम मोदी आज इसकी गुजरात के मेहसाणा से औपचारिक तौर पर शुरूआत करेंगे। हालांकि ये योजना 15 फरवरी से ही शुरू हो गयी है। आज से इस योजना को देश के हर जिले में एक साथ शुरू किया जाएगा। इस योजना की शुरूआत के मौके पर केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही सभी राज्यों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए दूरदर्शन से लाइव फीड लिया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय को जल्द से जल्द सभी लाभार्थियों को शामिल करने के लिए कहा गया है। ताकि चुनाव से पहले सभी लाभार्थी पंजीकृत हो जाएं।
इस योजना का फायदा फेरी लगा कर सामान बेचने वाले, रिक्शा-ठेला चलाने वाले, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, घरों में काम करने वाली जैसे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मिलेगा। इस योजना के लाभार्थियों को 60 साल के बाद 3000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी। केन्द्र सरकार द्वारा फरवरी में पेश किए गए बजट में इसकी घोषणा की गयी थी। इस वित्तीय सत्र के लिए वित्त मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किया था।
नियमों के मुताबिक इस योजना का लाभ उसी व्यक्ति को मिलेगा, जिसकी मासिक आय 15 हजार से ज्यादा नहीं होगी। वहीं 18 से 20 वर्ष के व्यक्ति का पेंशन खाता खोला जाएगा। हालांकि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी से हर महीने एक निश्चित राशि की प्रीमियम राशि ली जाएगी। वहीं सरकार भी अपनी तरफ से उतना ही प्रीमियम होगा, उतने रुपये की सब्सिडी सरकार की तरफ से भी दी जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक देश में 40 करोड़ से ज्यादा मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इसमें से करीब पांच करोड़ लोग भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वहीं सेवा में 15 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा ज्यादातर मजदूर कृषि क्षेत्र के हैं।
Last Updated Mar 5, 2019, 9:52 AM IST