केन्द्र की नई नरेन्द्र मोदी सरकार में इस बार सबसे ज्यादा चार पूर्व नौकरशाहों को विभिन्न मंत्रालय का जिम्मा दिया गया। केन्द्र सरकार में चार नौकरशाहों को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया जबकि इस बार बीजेपी के टिकट पर छह पूर्व नौकरशाह चुनाव जीत कर आये हैं। आखिर पीएम नरेन्द्र मोदी को नेताओं के तुलना में पूर्व नौकरशाहों पर इतना भरोसा क्यों है। ये सवाल फिलहाल सबके जेहन में घूम रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने विदेश मंत्रालय की कमान पूर्व विदेश सचिव और नौकरशाह एस जयशंकर को सौंपी है तो पूर्व गृह सचिव आरके सिंह को फिर से ऊर्जा मंत्रालय का राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) बनाकर उन पर विश्वास जताया है।

केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में चार पूर्व नौकरशाहों को शामिल किया गया है। पिछली मोदी सरकार में तीन नौकरशाहों को मौका दिया गया था। मोदी कैबिनेट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले चेहरा पूर्व विदेश सचिव जयशंकर का है। जिन्हें पीएम मोदी ने विदेश मंत्री नियुक्त किया है। अभी तक जयशंकर किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

हालांकि गुजरात से राज्यसभा से दो पद खाली हो रहे है। जो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हो रहे हैं। वहीं एक पद रविशंकर प्रसाद के जीतने के बाद राज्यसभा का बिहार से भी खाली हो रहा है। दूसरी तरफ मोदी सरकार ने 1974 बैच के पूर्व आईएफएस अफसर हरदीप पुरी पर भरोसा जताया है।

पुरी पूर्व की मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्री थे और 2022 तक सबको आवास देने के केन्द्र सरकार की योजना को लागू कर रहे हैं। ये प्रोजेक्ट पीएम नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका फायदा चुनाव में बीजेपी को भी मिला है। दूसरी तऱफ मोदी सरकार ने पूर्व ऊर्जा मंत्री और पूर्व गृह सचिव राजकुमार सिंह को फिर से ऊर्जा मंत्री( स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया है।

वह बिहार कैडर के पूर्व आईएएस हैं। सिंह बिहार की आरा सीट से दूसरी बार लोकसभा चाव जीते हैं। वहीं पंजाब कैडर के पूर्व नौकरशाह सोम प्रकाश को मोदी सरकार उद्योग वाणिज्य राज्यमंत्री बनाया है। सोम प्रकाश पंजाब कैडर के आईएएस थे और वह बीजेपी के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं। 

हालांकि दो और पूर्व नौकरशाह पीएम नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होने से चूक गए हैं। मोदी ने पूर्व राज्यमंत्री और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह को कैबिनेट में शामिल नहीं किया है वहीं ओडिशा की भुवनेश्वर सीट से बीजेपी के टिकट पर जीती अपराजिता सारंगी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया है। सारंगी पूर्व आईएएस अफसर हैं और उन्होंने वीआरएस लेकर बीजेपी को ज्वाइन किया था।

असल में पीएम नरेन्द्र मोदी नौकरशाहों से बखूबी काम करना जानते हैं। वह जानते हैं किस तरह से नौकरशाहों से काम कराया जाता। लिहाजा पूर्व नौकरशाहों पर विश्वास जताकर मोदी ने नौकरशाहों पर भी विश्वास जताया है। क्योंकि पिछली मोदी सरकार में करीब 150 से ज्यादा नौकरशाह अपनी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति को बीच में छोड़कर चले गए थे। जिसके कारण केन्द्र में आईएएस अफसरो की कमी हो गयी है।