नई दिल्ली। दुनिया के सभी देशों के खिलाफ साजिश करने वाले चीन के इशारे पर नाचने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में हैं। दो दिन पहले ही ओली ने अपनी कुर्सी में खतरा देख इसके लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन  अब नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' समेत कई नेताओं ने खुलकर ओली का विरोध करना शुरू कर दिया है। इन नेताओं ने ओली से देश में सरकार की विफलता के कारण इस्तीफा मांगा है।


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी की स्टैंडिंग कमिटी के एक सदस्य ने बताया  है कि दहल, माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल और बामदेव गौतम समेत कई नेताओं ने ओली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इन नेताओं ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि ओली सरकार चलाने में नाकाम रहे हैं। लिहाजा उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। दहल पिछले बैठक में ही ओली से प्रधानमंत्री के साथ ही दूसरे अध्यक्ष का पद भी छोड़ने को कह चुके हैं।  असल में नेपाल की सत्ताधारी एनसीपी में दो अध्यक्ष हैं। पार्टी में केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल दूसरे अध्यक्ष हैं। दहल देश के पहले दो बार पीएम रह चुके हैं। हालांकि उनका झुकाव भी वामपंथी देशों  की तरफ रहा है। लेकिन फिलहाल देश के हालत को देखते हुए वह दहल भारत के साथ दिखाई दे रहे हैं। 

असल में नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार कुशासन, भ्रष्टाचार और अब कोविड-19 को लेकर नाकाम साबित हुई है और पार्टी को डर है कि चुनावों में इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।  वहीं नेपाल में आम चर्चा है कि ओलीं अपने हितों को साधने के लिए चीन की मदद कर रहे हैं। वहीं देश के लिए जाने वाले फैसलों को अकेले ले रहे हैं। लिहाजा वह पार्टी के दूसरे नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।  हालांकि ओली ने  विवादित नक्शे के जरिए नेपाल में राष्ट्रवाद के सहारे खुद को स्थापित  करने की कोशिश की थी। लेकिन उन्हें न तो पार्टी और नही जनता का साथ मिलता दिखाई दे रहा है।