प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने राज्य के हप्ता कांगजीबंग में 8 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और चार योजनाओं का शिलान्यास किया। पीएम मोदी का कहना था कि पहले की सरकारों ने जो पैसे की बर्बादी की, उसे मैं देख नहीं सकता था। हम उनके द्वारा अटकाए गए सभी कामों को पूरा कर रहे हैं। 

अपने मणिपुर दौरे में पीएम ने राजधानी इम्फाल में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पूर्वोत्तर को दिल्ली से दूर करने का काम किया था। लेकिन उन  सरकारों के ‘अटके, लटके और भटके प्रोजेक्ट्स को हम पूरा कर रहे हैं’।

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं। आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है। मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है। ये फर्क है पहले और आज में।' 

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पीएम ने कहा, 'दोलाईथाबी बराज 1987 से फाइल चलती आ रही है। फिर 1992 में 19 करोड़ की लागत से प्रॉजेक्ट शुरू हुआ फिर मामला अटक गया। 2004 में इसको स्पेशल इकॉनमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया। 10 साल तक फिर लटक गया। 2014 में जब हम आए तो 100 ऐसे प्रॉजेक्ट थे जो अधूरे छोड़ दिए गए थे।' 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पूर्ववर्ती सरकार के ढीले-ढाले रवैये के कारण 12 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं 'ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थीं, हमने उन्हें कार्यान्वित किया।'     
पीएम ने कहा, 'जिस मणिपुर को, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारत की आजादी का गेटवे बताया था, उसको अब न्यू इंडिया की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए हैं।' 

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उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि दशकों से लटके, अटके और भटके प्रॉजेक्ट को पूरा करना है। पहले तो कहीं पत्थर लगा और दो चुनाव जीत जाओ, कहीं फीता काट दो और चुनाव जीत जाओ, यही सब चलता रहता था। 

पीएम मोदी ने कहा, '100 करोड़ का प्रॉजेक्ट 200 करोड़ में पूरा हो रहा है। मैं पैसों की बर्बादी कैसे देख सकता था। इसलिए मैंने पीएमओ में एक सिस्टम विकसित किया, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया और नाम दिया- प्रगति। 

मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से जुड़ता हूं, उनसे एक-एक प्रॉजेक्ट पर बात करता हूं। वीडियो कैमरा के सामने बैठकर प्रॉजेक्ट की कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करता हूं। उन्हें प्रोत्साहित करता हूं, समझाता हूं, पूरे सहयोग का आश्वासन देता हूं।' 

उन्होंने कहा कि आज मणिपुर को 125 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी उपहार मिला है। ये सिर्फ एक चेक पोस्ट नहीं है बल्कि दर्जनों सुविधाओं का केंद्र भी है। 

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पीएम का कहना था कि 'देश के जिन 18 हजार गांवों को रेकॉर्ड समय में अंधेरे से मुक्ति मिली है, उनमें सबसे आखिरी गांव कांगपोकपी जिले का लेइशांग है। जब भी भारत के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के अभियान की बात आएगी तो लेइशांग और मणिपुर का नाम भी आएगा।' 

उन्होंने कहा, 'आज शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रॉजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। मैरी कॉम की जन्मभूमि और कर्मभूमि मणिपुर का देश को स्पोर्टिंग सुपर पावर बनाने में बहुत बड़ा रोल रहने वाला है।'

पीएम ने मणिपुर में जिन चार नई योजनाओं का शिलान्यास किया उसमें मोरेह में एकीकृत जांच चौकी, दोलाईथाबी बैराज, खाद्य भंडारण गोदाम और बफर जलाशय शामिल हैं। 

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प्रधानमंत्री ने चुराचांदपुर क्षेत्र के लिए उन्नत जल आपूर्ति, कांगपोकपी के थंगापट में ईको टूरिज्म कॉम्प्लेक्स, नोनी जिले में एकीकृत पर्यटन स्थल और लांबुई के जवाहर नवोदय विद्यालय और उसके आस-पास के गांवों में जल आपूर्ति योजना का भी उद्घाटन किया। 

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प्रधानमंत्री ने पश्चिमी इंफाल जिले में धनामंजुरी विश्वविद्यालय के अवसंरचना विकास, पूर्वी इंफाल जिले के खुमन लामपक खेल परिसर के हॉकी स्टेडियम एवं मुख्य स्टेडियम में तेज रोशनी वाली कृत्रिम लाइटें लगाने और पश्चिमी इंफाल जिले में लांगजिंग अचोबा में कृत्रिम घास बिछाने जैसी चार अन्य परियोजनाओं की भी आधारशिला भी रखी।  

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