बेंगलुरू। कर्नाटक में भाजपा सरकार में कोरोना संकट के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य के बीस विधायकों ने सरकार के खिलाफ बागी सुर अपनाए हैं। विधायक पूर्व मंत्री को कैबिनेट बनाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं।  हालांकि कांग्रेस और जेडीएस राज्य में इस राजनैतिक उठाटक पर नजर रखे हुए है। फिलहाल मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उमेश कट्टी  को बातचीत के लिए बुलाया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपने विधायकों विद्रोह से भी जूझ रहे हैं। ये 20 विधायक उत्तरी कर्नाटक के हैं और पूर्व मंत्री उमेश कट्टी को कैबिनेट में शामिल करने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। फिलहाल 20 बागी विधायकों के मोर्चा खोल दिए जाने के बाद कर्नाटक में एक बार फिर से राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि भाजपा का कहना है कि राज्य में किसी भी तरह की बगावत नहीं है और नाराज विधायकों की नाराजगी को दूर कर दी जाएगी।

येदियुरप्पा के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले ज्यादातर विधायक उत्तर कर्नाटक से हैं और ये सभी विधायक उमेश कुट्टी के समर्थक बताए जा रहे हैं। विधायकों की मांग है कि कुट्टी को कैबिनेट में शामिल किया जाए। कुट्टी को बेलगाम जिले में ताकतवर लिंगायत नेता माना जाता है।  कुट्टी ने 20 विधायकों को डिनर पर आमंत्रित किया था और इसके बाद विधायक येदियुरप्पा के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं। कुट्टी कैबिनेट में शामिल न करने के कारण सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं और वह और विधायक चाहते हैं कि येदियुरप्पा अपने कामकाज़ के तरीके को बदले।

वहीं  विधायकों की मांग है कि उमेश कुट्टी को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए क्योंकि कुट्टी 8 बार से विधायक हैं। यही नहीं सरकार पर दबाव बनाने के लिए कुट्टी ने अपने भाई रमेश कुट्टी को राज्यसभा में भेजने के लिए भाजपा पर दबाव बनाया है। हालांकि इसी बीच खबर आ रही है कि बीएस येदियुरप्पा ने उमेश कुट्टी को बातचीत के लिए बुलाया है। कु्ट्टी के साथ ही एक और लिंगायत विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीआर पाटिल भी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं।  पाटिल यतनाल से विधायक हैं।