समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बसपा के साथ संयुक्त प्रचार की रणनीति बना रही है। इसी रणनीति के तहत सपा ने मैनपुरी में भी मुलायम सिंह के लिए संयुक्त प्रचार का कार्यक्रम तय किया। लेकिन अब सपा संरक्षक और मैनपुरी से सपा प्रत्याशी मुलायम सिंह नहीं चाहते हैं कि मायावती मंच पर आकर उनके लिए प्रचार करे।

बहरहाल अभी सपा और बसपा की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। लेकिन ये कहा जा रहा है कि गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए मायावती ने मैनपुरी में मुलायम सिंह के लिए प्रचार करने के लिए अपनी सहमति दे दी है। मायावती मुलायम सिंह को 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड के लिए दोषी मानती हैं। लेकिन इस घटना को तूल न देते हुए मायावती ने सपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। यही नहीं अब मायावती मुलायम के लिए 19 अप्रैल को मैनपुरी में प्रचार करेंगी।

लेकिन अब मुलायम सिंह मायावती के उनके पक्ष में प्रचार करने के फैसले पर नाराज बताए जा रहे हैं। मुलायम को लगता है कि मायावती के मंच पर आते ही उनके वोटर नाराज होंगे। क्योंकि मुलायम और मायावती अकसर एक दूसरे को सार्वजनिक मंचों पर कोसते आए हैं और ऐसे में अपने वोटरों को समझाना बढ़ा मुश्किल होगा। लिहाजा मुलायम नहीं चाहते हैं कि मायावती उनके लिए प्रचार करे। गौरतबल है कि 1993 में बसपा और सपा ने मिलकर सरकार बनाई थी। इन दोनों की गठबंधन की सरकार मुलायम सिंह की अगुवाई में बनी और उसके बाद गेस्ट हाउस कांड हो गया।

सपा और बसपा ने राज्य में प्रचार के लिए संयुक्त कार्यक्रम बना रहे हैं। इसके तहत मायावती सपा के प्रत्याशी और बसपा, सपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेगी। अखिलेश यादव ख़ुद आज़मगढ़ से चुनाव लड़ेंगे और बसपा प्रमुख उनके लिए 8 मई को चुनावी सभा करेगी। जानकारी के मुताबिक गठबंधन के नेता 12 साझा रैलियां करेगें।