मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में आखिरकार मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा हो गया है। हालांकि अभी कांग्रेस विभागों के बंटवारे को लेकर नाराज है। लेकिन एक बार फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार सहयोगी दलों पर भारी पड़े। एनसीपी के खाते में मलाईदार विभाग आए हैं। लिहाजा कैबिनेट विस्तार से लेकर विभागों के बंटवारे में पवार का पॉवर देखने को मिला।

पिछले एक हफ्ते से उद्धव ठाकरे सरकार के गले की फांस बना विभागों का बंटवारा आखिरकार हो ही गया है। लेकिन इस बंटवारे में कांग्रेस में नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि कैबिनेट विस्तार में तीन सहयोगी दलों के विधायकों में नाराजगी को मिली थी। लेकिन अभी तक विधायकों की नाराजगी कम नहीं हुई है। लेकिन अब विभागों के बंटवारे के बाद कांग्रेस नाराज दिखाई दे रही है। कांग्रेस के खाते में अच्छे विभाग नहीं आए हैं।

लेकिन कैबिनेट विस्तार के साथ ही विभागों के बंटवारे में शरद पवार का जलवा देखने को मिला। हालांकि शरद पवार की रणनीति से ही महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनी। लिहाजा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी पवार को तवज्जो देते हैं। फिलहाल राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त एवं योजना विभाग मिला है। हालांकि पवार सहकारिता विभाग भी चाहते थे।

वहीं एनसीपी के ही अनिल देशमुख राज्य के नए गृह मंत्री बनाये गये हैं। राज्य विधानपरिषद में विपक्ष के पूर्व नेता धनन्जय मुंडे को सामाजिक न्याय विभाग मिला जबकि पार्टी नेता जितेंद्र अवहाद को आवास मंत्रालय दिया गया। इसके साथ ही छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, नवाब मलिक को अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय, वक्फ बोर्ड, कौशल विकास एवं उद्यमिता, दिलीप वाल्से पाटिल को आबकारी एवं श्रम, जयंत पाटिल को जल संसाधन विकास एवं कमान क्षेत्र विकास और राजेंद्र शिंगने को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग सौंपा गया है। इसके साथ ही एनसीपी के राजेश तोपे को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, हसन मुशरिफ को ग्रामीण विकास और बालासाहेब पाटिल को सहकारिता एवं विपणन विभाग का कार्यभार दिया गया।