नई दिल्ली। अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण की तारीफ और बधाई देने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुरी तरह से फंस गई है। क्योंकि केरल में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग इससे नाराज हो गई हैं और पार्टी ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर प्रियंका गांधी के बयान को अनुचित बताया। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले सहयोगी पार्टी के नाराज होने के बाद कांग्रेस ने उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। वहीं राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस किसी भी हाल में केरल में मुस्लिग को नाराज नहीं कर सकती है क्योंकि राज्य में कांग्रेस के बाद यूपीए की वह दूसरी बड़ी पार्टी है।

असल में मंगलवार को कांग्रेस की ताकतवर महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के लिए देशवासियों को बधाई दी थी और इसकी तारीफ की थी। लेकिन प्रियंका गांधी अपने इस बधाई के बाद अपनी सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग के निशाने पर आ गई और मुस्लिम लीग ने एक एक प्रस्ताव पारित कर प्रियंका गांधी के तारीफ वाले बयान की निंदा की।  जिसके बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। वहीं मुस्लिम लीग ने केरल के मल्लापुरम में पार्टी की इमर्जेंसी बैठक बुलाई और इसमें प्रस्ताव पारित करते हुए कांग्रेस के नेताओं से अपील की कि वह अपनी सेक्युलर साख को खत्म न होने दें। असल में प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बनेगा।


वहीं मुस्लिम लीग ने कहा कि कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है और पार्टी प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के बयानों से दुखी हैं, जिन्हें पार्टी अनुचित और गलत मानती है। वहीं मुस्लिम लीग के दबाव के बाद 
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की  और उन्हें मनाया। असल में राज्य में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस राज्य में मुस्लिम लीग को नाराज नहीं कर सकती है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस और मुस्लिम लीग मिलकर चुनाव लड़ती है। मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं का बयान गैरजिम्मेदाराना है।