प्रमोद सावंत ने गोवा के नए मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद गोवा में भाजपा सरकार पर छाए बादल छंट गए हैं। प्रमोद सावंत मनोहर पर्रिकर के करीबी लोगों में थे और उन्होंने सावंत की खूबियों को पहले ही पहचान लिया था और उन्हें तलाशकर राजनीति मे स्थापित किया।

गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत आयुर्वेद डॉक्टर हैं और अब गोवा के नए सीएम बन गए हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरूआत मनोहर पार्रिकर के सानिध्य में ही की। इस पद के लिए मजबूत दावेदारी के कई कारण थे। वह स्वर्गीय पर्रिकर के करीबी लोगों में शुमार थे। उनकी पहली पसंद होने के कारण किसी ने उनका विरोध नहीं किया। इसके साथ ही पार्टी को गोवा में ऐसे नेता की तलाश थी जो पर्रिकल का विकल्प बन सके। हालांकि गोवा की राजनीति में मनोहर पर्रिकर ने जो मुकाम हासिल किए उस तक किसी नेता का पहुंच पाना इतना आसान नहीं है।

इसके साथ ही पार्टी को राज्य में ऐसे नेता की तलाश थी जो अगले 15 साल तक पार्टी को चला सके। प्रमोद सावंत ने 2008 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और वह 2012 में पहली बार वह गोवा विधानसभा में साखली से निर्वाचित होकर आए। वह गोवा में भाजपा के अकेले विधायक हैं, जो संघ काडर से हैं। वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। 2017 में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। उनकी अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि भाजपा के साथ ही वह संघ के पसंदीदा नेता हैं लिहाजा जब भी पर्रिकर के विकल्प की बात की गई तो उनका नाम प्रमुख रहा। 

ऐसा कहा जा रहा है कि पर्रिकर के स्वास्थ्य खराब होने के दौरान सावंत की संघ सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात हुई। सावंत ने अपनी राजनीति की शुरूआत पर्रिकर के सानिध्य में की, लिहाजा पार्टी के प्रति सावंत की वफादारी उन्हें पर्रिकर के उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित किया। गोवा में बिचोलिम तालुका के एक गांव कोटोंबी के रहने वाले हैं। सावंत का बचपन से संघ से जुड़ाव रहा। हालांकि राजनीति उनके खून में पहले ही थी क्योंकि उनके पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। गौरतलब है कि प्रमोद सावंत को राज्य का नया सीएम चुन लिया है, उन्होंने मुख्यमंत्री की शपथ रात में ली।