देश पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा. मुखर्जी के साथ ही नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सम्‍मान दिया जाएगा. पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति रहने के साथ ही कांग्रेस की सरकारों में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्‍न दिए जाने के ऐलान पर खुशी जताई है. मोदी ने कहा कि प्रणब दा हमारे समय के एक शानदार नेता हैं. उन्‍होंने निस्‍वार्थ और बिना थके दशकों तक देश की सेवा की है इसने देश की विकास की दशा पर एक मजबूत निशान छोड़ा है. उनके जैसा बुद्धिमान और बुद्धिजीवी काफी कम लोग है. मुझे खुशी है कि उन्‍हें भारत रत्‍न दिया जाएगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं। नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया। ग्रामीण विकास में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है. वहीं मशहूर लोक गायक भूपेन हजारिका असम से ताल्लुक रखते हैं. 

प्रणब मुखर्जी देश  2012 से 2017 तक इस पद पर रहे थे. राष्‍ट्रपति बनने से पहले वे कई दशकों तक कांग्रेस के मजबूत स्‍तंभ रहे. उन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक कार्य किया है और उसके बाद उन्होंने यूपीए के दोनों सरकारों में अहम पद संभाले हैं. उसके बाद यूपीए सरकार ने ही उन्हें राष्ट्रपति के पर नियुक्त करने का फैसला किया है. मुखर्जी अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. पिछले दिनों ने उन्होंने राष्ट्रीय संघ सेवक के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें इस कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया था. लेकिन मुखर्जी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मनमोहन सिंह‍ के प्रधानमंत्री रहने के दौरान वे वित्‍त मंत्रालय भी संभाल चुके हैं. वहीं नानाजी देशमुख संघ विचारक रहे हैं. और  94 साल की उम्र में 2012 में उनका निधन हो गया था. वे उत्‍तर प्रदेश की बलरामपुर सीट से सांसद भी रहे और बाद में भाजपा ने 1999 से 2005 तक राज्‍य सभा सांसद रहे थे. देशमुख सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं और उनकी अगुवाई में कई सामाजिक कार्य शुरू किए गए थे. जो आज भी जारी हैं.  नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे.

उनके बारे में कहा जाता है कि 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्री का पद दिया गया था. लेकि उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे. उन्हें वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया. इसके बाद अब उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया है. वहीं भूपेन हजारिका असम के रहने वाले थे और वे महान गायक और संगीतकार थे. उनका 2011 में देहांत हो गया था. हजारिका ने कई हिंदी फिल्मों में भी संगीत दिया और उनकी रूदाली फिल्म का संगीत काफी सराहा गया था.