कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा, यूपीए सरकार के दौरान तीन साल तक बेकार हो जाने के लिए क्यों रखा गया बिल, क्या कांग्रेस के सहयोगी भी बिल पास कराने में साथ देंगे
आगामी मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल को लेकर भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सरकार ने तीन तलाक और निकाह हलाला के मुद्दे पर घेर लिया है। इस संबंध में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष को एक पत्र लिखा और यूपीए शासन के दौरान इस मुद्दे को लटकाए जाने का कारण पूछा। एक दिन पहले राहुल ने पीएम को पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराने की मांग की थी।
इसके जवाब में रविशंकर ने राहुल से तीन तलाक और निकाह हलाला पर समर्थन मांगा। अपने पत्र में प्रसाद ने लिखा है, 'एक नई डील के तहत हमें संसद के दोनों सदनों में मिलकर महिला आरक्षण बिल, तीन तलाक निषेध बिल और निकाह हलाला को प्रतिबंधित करने वाले विधेयक को पास कराना चाहिए।'
राहुल के पीएम को लिखे पत्र का हवाला देते हुए प्रसाद ने लिखा, 'सरकार इस बिल को समर्थन देने की आपकी पहल का स्वागत करती है। हालांकि, सरकार जानना चाहती है कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान तीन साल तक इस बिल को लोकसभा में क्यों नहीं लाया गया, इसे क्यों बेकार हो जाने दिया गया। सरकार यह भी जानना चाहती है कि क्या आपके सभी सहयोगी इस बिल को पास होने में मदद देंगे और सदन को बाधित नहीं करेंगे, जैसा कि उन्होंने पूर्व में बिल को संसद में रखे जाने के दौरान किया।'
कानून मंत्री ने लिखा है, राष्ट्रीय दल होने के नाते महिलाओं एवं उनके अधिकारों के लिए हमारे दो मापदंड नहीं होने चाहिए। हम पहले ही उचित प्रतिनिधित्व के अधिकार, पर्सनल लॉ में समानता को देने में देर कर चुके हैं। हम ऐसे प्रावधानों को खत्म करने से बचते हैं, जो महिलाओं की गरिमा के साथ समझौता करने वाले होते हैं। सामाजिक महत्व से जुड़ा एक और बिल राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से जुड़ा है। इसे भी आपकी पार्टी के समर्थन की दरकार है। सरकार आपकी प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
सोमवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा था, 'हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह महिला सशक्तिकरण को लेकर काफी सजग हैं। अब उनके लिए मौका है कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठें और महिला आरक्षण बिल को संसद में पास कराएं।' पीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बिल के लिए सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही थी।