नई दिल्ली। जनता दल से निष्कासित नेता और चुनावी प्रबंधक प्रशांत किशोर अपनी संसदीय राजनीती की शुरूआत पश्चिम बंगाल से कर सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर को टीएमसी राज्यसभा भेज सकती है। हालांकि ये तय नहीं कि प्रशांत किशोर टीएमसी में शामिल होंगे या नहीं। क्योंकि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति सक्रिय होना चाहते हैं। लिहाजा माना जा रहा कि अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो वह अपनी संसदीय राजनीति की शुरुआत पश्चिम बंगाल से कर सकते हैं।

हालांकि इस बात की चर्चा पहले से ही थी कि प्रशांत किशोर राज्यसभा जा सकते हैं। क्योंकि पिछले दिनों वह पश्चिम बंगाल  की सीएम ममता बनर्जी के सुर में सुर मिला रहे थे। लेकिन अब राज्य में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही है। पीके को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है और वह राज्य में टीएमसी के चुनावी रणनीति भी तैयार कर रहे हैं। हालांकि पीके फिलहाल बिहार में अपनी अपनी  जमीन तैयार  करना चाहते हैं।

लिहाजा  वह राज्यसभा के जरिए इस  साल बिहार में होने विधानसभा चुनाव के जरिए सक्रिय हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल में अप्रैल में राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही है। माना जा रहा है कि पार्टीं ने चार सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तो तय कर लिया है जबकि पांचवीं सीट पर पीके को राज्यसभा भेजने की चर्चा है। माना जा रहा है कि पीके के जरिए टीएमसी  को राज्यसभा में हिंदीभाषी नेता भी मिल जाएगा। यही नहीं पीके के नाम को वो राष्ट्रीय स्तर पर भुना भी सकती है वहीं पीके मजबूती से  पार्टी की बात राज्यसभा में रख भी सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड से निकाल दिया गया था। पीके नागरिकता संसोधन कानून के पक्ष में समर्थन देने के कारण नीतीश कुमार का विरोध कर रहे थे। जिसके कारण नीतीश कुमार पीके से नाराज थे।