वकील ने दलील दी कि सरकार ने नियम के तहत ही नाम बदलने का फैसला किया है। सरकार ने यूपी रिऑर्गनाइजेशन ऐक्ट के तहत नाम बदलने की कार्रवाई की है, जिस पर कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता से ऐक्ट की कॉपी मांगी।
प्रयागराज--इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब इस मामले पर कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा।
मामले की सुनवाई जस्टिस ए पी शाही और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ में हुई। साथ ही कोर्ट प्रयागराज में होने काले कुंभ मेला मामले में भी सुनवाई करेगा जिसमें अर्द्धकुंभ को कुंभ घोषित करने पर भी आपत्ति जताई गई है।
अधिवक्ता सुनीता शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में 18 अक्टूबर 2018 को जारी राज्य सरकार के इलाहाबाद का नाम प्रयागराज घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। वहीं इस मामले में दाखिल सभी याचिकाओं पर अदालत में अब एक साथ सुनवाई होगी।
कोर्ट में सरकार के वकील ने दलील दी कि सरकार ने नियम के तहत ही नाम बदलने का फैसला किया है। सरकार ने यूपी रिऑर्गनाइजेशन ऐक्ट के तहत नाम बदलने की कार्रवाई की है, जिस पर कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता से ऐक्ट की कॉपी मांगी।
जवाब में अपर महाधिवक्ता ने अगली तारीख पर ऐक्ट पेश करने की कोर्ट से अनुमति मांगी है। अब कोर्ट अगली तारीख 13 नवम्बर को ऐक्ट के साथ मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि, इला के नाम से इलावास बसाया गया था, जिसे बाद में इलाहाबाद कहा जाने लगा। लोग सैकड़ों साल से प्रयाग को इलाहाबाद के नाम से जानते हैं।
इस याचिका में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पक्षकार बनाया गया इलाहाबाद का नाम बदले जाने को लेकर अब तक कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं और एक याचिका दाखिल की गई है। ऐसे में अब कोर्ट ने सभी याचिकाओं को एक साथ करते हुए सुनवाई करने की बात कही है।
Last Updated Nov 1, 2018, 12:00 PM IST