राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की शिकायत की चिट्ठी गृह मंत्रालय को भेज दी है। अब सवाल ये उठता है क्या गृहमंत्रालय कल्याण सिंह के खिलाफ कार्यवाही करेगा। या फिर कल्याण सिंह इस मामले में साफ तौर पर बच जाएंगे।

मंगलवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राजस्थान के राज्यपाल की शिकायत की थी। आयोग ने उन्हें चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन का दोषी माना था। जिसके बाद उन्होंने कल्याण सिंह की शिकायत राष्ट्रपति से की थी। असल में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कल्याण सिंह ने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी फिर से पीएम बनें यही हम सब लोगों की कामना है। जनता भी यही चाहती है। इसके लिए चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन का दोषी माना जाना था।

क्योंकि कोई भी व्यक्ति जो संवैधानिक पद पर नियुक्त हो, वह किसी भी राजनैतिक दल या राजनीतिज्ञ के लिए प्रचार नहीं कर सकता है और ना ही अपना समर्थन दे सकता है। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के बावत पत्र को गृह मंत्रालय भेज दिया है और जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा है। हालांकि एक अफसर का कहना है कि ये एक सतत प्रक्रिया है। लिहाजा इस मामले में ज्यादा कुछ होने की गुंजाइश नहीं है।

हालांकि गृह मंत्रालय इसके लिए कल्याण सिंह से स्पष्टीकरण मांग सकता है। हालांकि देश की स्वतंत्रता के बाद यह पहली बार है जब एक राज्यपाल ने किसी प्रधानमंत्री के लिए प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन किया है। फिलहाल राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को यह पत्र आगे बढ़ा दिया और रेखांकित किया कि राज्यपाल को सक्रिय राजनीति से दूर रहना चाहिए। गौरतलब है कि कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और कई भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार थे।