प्रणब दा 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। प्रणब दा का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा और इसके पहले उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। उनके निधन के बाद सात दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।
नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था और वह 84 वर्ष के थे। भारत रत्न प्रणब मुखर्जी को पिछले 10 अगस्त को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। इसके बाद वह अस्पताल में कोमा में थे। वहीं उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया। जिसके बाद सोमवार की शाम को उनका निधन हो गया। प्रणब दा 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। प्रणब दा का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा और इसके पहले उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। उनके निधन के बाद सात दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।
आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास में जाकर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही आज सुबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रणब मुखर्जी के काफी करीब माने जाते थे। प्रणब मुखर्जी के बारे में कहा जाता था कि उनके सभी पार्टियों में दोस्त हैं और इसलिए सभी राजनैतिक दलों के प्रमुख नेताओं के साथ उनके बेहतर संबंध थे।
प्रणब मुखर्जी को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में ही भारत रत्न की उपाधि दी गई थी। आज राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पहुंचकर श्रद्धांजलि दी और अंतिम दर्शन किए। केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में 7 दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके बाद आज राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के झंडे रहेगे। वहीं जानकारी के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज दिल्ली में दोपहर 2.30 बजे लोधी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Last Updated Sep 1, 2020, 11:05 AM IST