मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़े दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया है। हालांकि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। लेकिन उसके बावजूद राज्यपाल ने राज्य में नई सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है। जाहिर है राज्यपाल के इस कदम से राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं लगेगा। बहरहाल राज्यपाल ने भाजपा विधायक दल के नेता देवेन्द्र फडणवीस को 11 नवंबर को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। 

हालांकि अभी तक राज्य में भाजपा के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। क्योंकि शिवसेना से मिलकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के पास महज 105 विधायक हैं जबकि शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के 44 और एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। शिवसेना फिलहाल मुख्यमंत्री के पद के लिए अड़ी है। लिहाजा अभी तक माना जा रहा है कि शिवसेना किसी भी हाल में भाजपा को समर्थन नहीं देगी। क्योंकि वह पहले ही साफ कर चुकी है कि वह 50-50 के फार्मूले से पीछे नहीं हटेगी।

इस फार्मूले के तहत राज्य में ढाई-ढाई साल के लिए सीएम नियुक्त होना है। जिसमें पहले का ढाई साल का कार्यकाल शिवसेना अपने हाथ में रखना चाहती है। इसके लिए शिवसेना आदित्य ठाकरे को राज्य का सीएम बनाना चाहती है। वहीं कांग्रेस और एनसीपी साफ कर चुके हैं कि वह विपक्ष में बैठेंगे। हालांकि पहले शिवसेना से सरकार बनाने को लेकर बातचीत कर रही थी। शिवसेना की रणनीति ये थी वह एनसीपी के साथ सरकार बना लेगी और कांग्रेस उसे बाहर से समर्थन देगी। लेकिन शिवसेना की ये रणनीति एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विफल कर दी।

शरद पवार ने साफ किया है कि राज्य की जनता ने दोनों दलों को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। कल तक ही शिवसेना के नेता संजय राउत कई बार एनसीपी प्रमुख से मिल चुके हैं। लेकिन इस मुलाकात का कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है। असल में आज राज्य में मौजूदा विधानसभा का समय खत्म हो रहा है। कल ही मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सीएम के पद से इस्तीफा दिया था और राज्यपाल ने उन्हें कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करने को कहा था। हालांकि अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि राज्य में भाजपा सरकार कैसे बनाएगी।