केरल के त्रिशूर को दक्षिण का द्वारका कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवायूर मंदिर में कृष्ण मूर्ति कलियुग के प्रारंभ में स्थापित की गई।
गुरुवायूर (केरल)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के द्वारका कहे जाने वाले त्रिशूर के गुरुवायूर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहां 'तुला भरण' यानी तुला दान पूजन परंपरा के तहत उन्हें कमल के फूलों से तौला गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा-अर्चना के लिए तिरुनवाया के एक मुस्लिम किसान परिवार से 112 किलोग्राम कमल के फूल खरीदे गए हैं। ऐसी मान्यता है कि गुरुवायूर मंदिर में कृष्ण मूर्ति कलियुग के प्रारंभ में स्थापित की गई।
#WATCH Kerala: Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Sri Krishna Temple in Guruvayur of Thrissur. pic.twitter.com/HB98hDQAFk
— ANI (@ANI) June 8, 2019
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मोदी सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर कोच्चि से रवाना हुए। उनका हेलीकॉप्टर नौ बजकर पचास मिनट पर श्री कृष्ण कॉलेज के मैदान में उतरा। प्रधानमंत्री कोच्चि नौसैन्य हवाईअड्डे से नौसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे। मंदिर में करीब एक घंटे के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने भाजपा की केरल राज्य समिति द्वारा आयोजित अभिनंदन सभा को संबोधित किया। लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मोदी की पहली जनसभा थी।
पीएम मोदी शुक्रवार रात कोच्चि पहुंच गए थे। नौसैन्य हवाईअड्डे पर केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और राज्य के देवास्वम मंत्री कदकमपल्ली सुंदरन ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को कोच्चि के सरकारी अतिथि गृह में रेस्ट किया। यहां से पीएम अपने दूसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे में मालदीव जाएंगे।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केरल में 100 साल से अधिक समय से मुस्लिम परिवारों का एक समूह कमल की खेती करता है। राज्यभर के मंदिरों में पूजा-अर्चना के दौरान इन फूलों का इस्तेमाल होता है। सूबे में कमल की खेती ज्यादातर मुस्लिम परिवारों द्वारा ही की जाती है। गुरुवायूर सहित आसपास के आधा दर्जन मंदिरों में करीब 20 हजार कमल के फूल का इस्तेमाल रोजाना होता है।
Last Updated Jun 8, 2019, 3:10 PM IST