कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आखिरकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिद के आगे झुकना ही पड़ा। मिर्जापुर से चुनार गेस्ट हाउस में पिछले कई घंटों से धरने पर बैठी प्रियंका सोनभद्र जाना चाहती थी। लेकिन योगी सरकार ने इसके लिए इजाजत नहीं दी।

लिहाजा इसके लिए बीच का रास्ता निकाला गया। जिसके तहत सोनभद्र में हुए सामूहिक नरसंहार के पीड़ित परिवारों को प्रियंका से मिलाया गया। फिलहाल सोनभद्र जाने से विफल रही प्रियंका गांधी अब दिल्ली लौट रही हैं। 

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए सामूहिक नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में जिला प्रशासन की भी बड़ा भूमिका रही। क्योंकि प्रियंका ने कल रात को ही संकेत दे दिए थे कि अगर जिला प्रशासन उनकी मुलाकात पीड़ित परिवारों से किसी अन्य स्थान पर कराएगा तो वह इसके लिए तैयार है।

प्रशासन के अफसरों ने किसी भी तरह की हामी नहीं दी। लेकिन प्रियंका ने समझ लिया है कि जब तक सरकार नही चाहेगी तो वह सोनभद्र में प्रवेश नहीं पाएंगी। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने पीड़ित परिवार से प्रियंका गांधी की मुलाकात करवाई और वह प्रियंका से मिलने गेस्ट हाउस तक पहुंचे।

गौरतलब है कि शुक्रवार की दोपहर प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाते हुए मिर्जापुर में हिरासत में लिया गया था। लेकिन ये प्रियंका भी जानती थी बगैर जिला प्रशासन के वहां पहुंचना मुश्किल है। लिहाजा उन्होंने दबाव बनाने के लिए धरने की राजनीति शुरू कर दी। वो ये तो अच्छी तरह से जानती है कि चाहे कुछ भी हो जाए योगी सरकार उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं देगी।

लिहाजा प्रियंका ने वही किया जो एक सुलझा हुआ राजनीतिज्ञ करता है। उन्होंने वहीं पर धरना दिया और प्रशासन पर दूसरे विकल्पों के लिए दबाव बनाया। राज्य की विधानसभा का सत्र चल रहा है। ऐसे में राज्य की योगी सरकार पर दबाव बनाना आसान था।

सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए प्रियंका ने अपना रुख कुछ लचीला भी किया था और पीड़ितों के परिजनों से कहीं भी मुलाकात को तैयार हो गई। यही नहीं वह सोनभद्र अपने चार सहयोगियों के साथ जाने के लिए तैयार थीं। लेकिन वहां पर लागू 144 की धारा का हवाला देकर योगी सरकार ने उन्हें वहां नहीं जाने दिया।