लोकसभा चुनाव के आते ही नेताओं के कई रूप देखने लगे हैं। करोड़ों की गाड़ियों में चलने वाले कुछ नेता गलियों की खाक छाने रहे तो कुछ अपने को आम आदमी साबित करने में लगे हैं। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी रणनीति के तहत कार्य कर रही हैं, ताकि प्रदेश में कांग्रेस को फिर से स्थापित किया जाए। अब प्रियंका मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटरों को साधने के लिए ट्रेन के जरिए यात्रा करेंगी। फिलहाल प्रियंका की ये सारी कवायद अपने को आम आदमी साबित करने की है।

कुछ दिन पहले ही पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाव के जरिए प्रयागराज से वाराणसी तक की यात्रा की थी। प्रियंका ये देखना चाहती थी केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने गंगा को कितना साफ किया। इस नाव यात्रा के जरिए प्रियंका ने आधा दर्जन लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश की। लेकिन अब प्रियंका गांधी राज्य में कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने के लिए ट्रेन यात्रा करेंगी। इसके जरिए प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगी। प्रियंका ट्रेन के जरिए दिल्ली से कानपुर तक की यात्रा करेंगी। इस दौरान वह करीब आधा दर्जन सीटों को साधने की कोशिश करेंगी।

हालांकि इससे पहले प्रियंका और राहुल गांधी ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं। प्रियंका की ये यात्रा अगले हफ्ते हो सकती है।  प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश को साधने के बाद अब मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने की तैयारी में है। फिलहाल पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा की इस ट्रेन यात्रा को अंतिम रूप दे रही है। इसके साथ ही प्रियंका हिंदू वोटरों को साधने के लिए अयोध्या जाने का कार्यक्रम बना रह हैं। इससे पहले प्रियंका ने प्रयागराज में हनुमान मंदिर के दर्शन किए थे और गंगा की पूजा भी थी और उसके बाद उन्होंने वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन और मिर्जापुर में विंध्यवासिनी माता के दर्शन किए थे।

प्रिंयका की ये कवायद हिंदू वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में करने की है। वाराणसी में तो प्रियंका गांधी ने अपने गले में रूद्राक्ष की माला भी पहनी थी। प्रिंयका ने प्रमुख हिंदू मंदिरों में पूजा तो की साथ ही वह दरगाहों में भी गयी। प्रियंका मध्य उत्तर प्रदेश को साधने की तैयारी कर रही हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां की 17 सीटों में 14 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस को यहां 2009 के चुनाव में 11 सीटें मिली थी। 


जानें कौन कौन सी सीटें हैं मध्य यूपी में

मध्य उत्तर प्रदेश कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और 2009 में कांग्रेस ने यहां पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ये प्रदर्शन राज्य में कांग्रेस का सत्ता से बाहर होने के बाद का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। कांग्रेस ने यहां पर 2009 में 11 सीटें जीती थी। मध्य यूपी में कानपुर नगर, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, मिश्रिख, हरदोई, लखनऊ, मोहनलालगंज, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, अकबरपुर, फैजाबाद, बाराबंकी कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीट आती हैं।