नई दिल्ली।  उत्तर प्रदेश में विधानसभा की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। लेकिन ये उपचुनाव कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लिए असल परीक्षा हैं। क्योंकि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं और अभी तक कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी हैं। यहां तक कि पिछले उपचुनावों में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस की जमानत भी जब्त हो गई थी।

राज्य में विधानसभा की आठ सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारी कर ली है। ये चुनाव जहां राज्य की योगी सरकार के लिए लिटमस टेस्ट है वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं हैं। वहीं कांग्रेस ने घाटमपुर सीट की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व मंत्री आरके चौधरी और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित को सौंपी है। जबकि 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन किया गया है।

राज्य के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में बनी कमेटी प्रत्याशियों के आवेदन और चयन का काम करेगी। राज्य में नौगवां सादात , बुलंदशहर, टुंडला , स्वार , बांगरमऊ, घाटमपुर, मल्हनी और देवरिया सदर सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसके साथ ही पार्टी ने मल्हनी सीट की जिम्मेदारी पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व विधायक राम जियावन और पार्टी के महासचिव मकसूद खान कोदी है। ताकि प्रत्याशियों का चयन किया जा सके।

प्रियंका गांधी वाड्रा नहीं दिखा सकी करिश्मा

पिछले साल प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी।लेकिन अभी तक वह किसी भी तरह का करिश्मा राज्य में नहीं दिखा सकी हैं। हालांकि ही में प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त किया गया है। जबकि पिछले साल राज्य में  कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा।  राज्य में कांग्रेस लोकसभा की एक ही सीट सकी थी।