कांग्रेस की सबसे ताकतवर महासचिवों में शुमार प्रियंका गांधी पार्टी की नई पॉवर सेंटर बनने जा रही हैं। कांग्रेस में प्रियंका का रूतबा अघोषित तौर पर अध्यक्ष से भी ज्यादा होगा। हालांकि प्रियंका गांधी पार्टी की अध्यक्ष नहीं होगी। क्योंकि पार्टी ने अब प्रियंका का कद बढ़ाकर उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए जाने की तैयारी कर ली है।

ऐसा कर पार्टी ने एक तीर से दो निशाने साधने की रणनीति बनाई है। एक तो अध्यक्ष के पद पर गांधी परिवार का कोई व्यक्ति नियुक्त नहीं होगा और दूसरा परिवारवाद की मोहर पाटी से हट जाएगी। वहीं पार्टी में परोक्ष तौर गांधी परिवार का रूतबा पहले के ही तरह कायम रहेगा।

राहुल गांधी विदेश के दौरे से लौट आए हैं और अब जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के लिए नए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। साथ ही इस बैठक में प्रियंका को भी पार्टी में नए पॉवर सेंटर के तौर स्थापित किया जाएगा।

क्योंकि प्रियंका को अब महासचिव के पद से प्रमोशन देकर उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जाएगा। जो हालांकि तकनीकी तौर पर अध्यक्ष के पद के बाद होगा। लेकिन पार्टी में अहम फैसले इसी पॉवर सेंटर के जरिए होंगे। इसके जरिए कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार का दबदबा भी रहेगा। जो पार्टी के ज्यादातर नेता चाहते हैं।

इसके जरिए पार्टी विपक्ष खासतौर से भाजपा के गांधी परिवार का पार्टी पर कब्जे के आरोपों से भी बच जाएगी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी में प्रिंयका की भूमिका वैसी ही रहेगी जैसी सोनिया गांधी के दौरे में राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बन जाने के बाद थी। क्योंकि पार्टी अध्यक्ष एक तरह से अपनी सभी शक्तियां उपाध्यक्ष को ट्रांसफर कर देगा।

जिसके जरिए अब अहम फैसले प्रियंका गांधी लेंगी। लेकिन मोहर पार्टी अध्यक्ष की रहेगी। पार्टी ने 2013 में सबसे पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद राहुल गांधी के लिए सृजित किया था। वह अभी तक इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी थे। हालांकि राहुल गांधी के 2017 में पार्टी का अध्यक्ष बन जाने के बाद इस पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया।

राहुल गांधी का फार्मूला होगा लागू

कांग्रेस पार्टी में प्रियंका गांधी के उपाध्यक्ष बन जाने के बाद राहुल गांधी का फार्मूला पूरी तरह से लागू रहेगा। क्योंकि 25 मई को जब राहुल गांधी ने अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था तो उस वक्त उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष के पद पर गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति नियुक्त नहीं किया जाएगा। लिहाजा पार्टी ने इसका तोड़ निकाला है। जिसके जरिए वह विपक्ष के हमलों से आसानी से बच सकती है और उसके ऊपर गांधी परिवार का ठप्पा भी हट जाएगा।

राहुल रह चुके हैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

इस कहानी की भी पटकथा वैसे ही लिखी जा रही है। जैसे 2013 में लिखी गयी थी। तब सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष थी, लेकिन बाद में राहुल गांधी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया। ये पद पार्टी में दूसरे नंबर का माना जाता है। इस पर पद नियुक्त होते ही राहुल गांधी दूसरे नंबर के ताकतवर नेता पार्टी में बन गए। लिहाजा प्रियंका गांधी के लिए भी पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद को फिर से सृजित कर रही है।

प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग

असल में पार्टी का एक बड़ा धड़ा प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है। लेकिन राहुल गांधी ने जो फैसला इस्तीफा देते हुए किया था उसका क्या होगा। अगर प्रियंका को अध्यक्ष बनाया जाता है तो पार्टी की किरकिरी होगी। लिहाजा इस फार्मूले के जरिए पार्टी ने बीच का रास्ता निकाल लिया है।

कौन होगा अगला अध्यक्ष?

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब पार्टी में नया अध्यक्ष कौन होगा। इस सवाल का जवाब अगले हफ्ते मिल सकता है। क्योंकि अगले हफ्ते कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो सकती है और पार्टी के नेताओं का मानना है कि इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक अध्यक्ष के पद पर जो भी व्यक्ति नियुक्त होगा। एक तो वह गांधी परिवार का वफादार होगा और दूसरा वह युवा होगा। हालांकि अभी तक कई नाम चर्चा में आ चुके हैं। हालांकि किसी भी नाम पर सहमति नहीं बनी है।