लखनऊ। कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर लखनऊ पहुंचकर नागरिकता कानून के विरोध में मार्च निकालने वाली कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा अपने आरोप से पलट गई हैं। प्रियंका ने कहा था कि यूपी पुलिस ने उनका गला पकड़ा था। लेकिन अब प्रियंका गांधी ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस पर आरोप लगाकर इस मामले को तूल दे दिया था और कहा था कि यूपी पुलिस ने उनका गला दबाया है जबकि उनके साथ सीआरपीएफ के कमांडो थे। लेकिन प्रियंका गांधी ने झूठा आरोप लगाकर यूपी सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन जब प्रियंका गांधी के पूरे वीडियो सोशल मीडिया में आए तो लोगों ने उन्हें ट्वीट करना शुरू कर दिया था और झूठा बताया तो कांग्रेस और कांग्रेस की बड़ी किरकिरी हुई।

जिसके बाद अब प्रियंका गांधी ने अपने बयान से यू टर्न लिया है और कहा कि पुलिस ने उनका गला नहीं दबाया बल्कि उनके गले में हाथ लगाया था। हालांकि यूपी पुलिस प्रियंका गांधी के इस दावे को भी गलत बता रही हैं। जबकि प्रियंका गांधी ने कई नियमों को तोड़ते हुए नागरिकता कानून का विरोध करने वाले एसआर दारापुरी से मुलाकात की। हालांकि इस दौरान प्रियंका गांधी ने यातायात के नियमों को तोड़ा और वह दोपहिया वाहन में बगैर हेलमेट लगाए उनके घर पहुंची।

गौरतलब है कि प्रियंका गांधी लखनऊ कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर पहुंची थी और इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के ज्यादातर कांग्रेस के बड़े नेता थे। इस बीच पुलिस अफसरों ने उनसे उनके कार्यकम के बारे में पूछा। लेकिन प्रियंका ने किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया। इसके बाद प्रियंका ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा दिया। हालांकि इसके बाद प्रियंका अपने बयान से पलट गईं। हालांकि प्रियंका गांधी के इस झूठ की पोल उनकी फ्लीट अफसर ने ही खोल दी। उन्होंने साफ किया कि उनकी सुरक्षा को देखते हुए उनके उनके कार्यक्रम की जानकारी मांगी थी। उल्टे उनके साथ ही धक्कामुक्की हुई।