उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की पोस्टमार्टम और फारेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ये तय हो गया है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है। लेकिन अभी तक ये खुलासा नहीं हुआ है कि किसने हत्या की है और उसके क्या कारण हैं। लेकिन जानकारी के मुताबिक संपत्ति विवाद इस हत्या के पीछे एक बड़ा कारण हो सकता है। जिसके बारे में उनके घरवाले भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं।

फिलहाल इस हत्या को लेकर कई सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है। आखिर रात में सोने के बाद अगले दिन शाम चार बजे तक रोहित शेखर क्या सोते ही रहे और परिवार के लोगों ने उन्हें क्यों नहीं जगाया। असल में सोमवार को 40 साल के रोहित शेखर कोटद्वार से लौटने के बाद रात करीब 11 बजे डिफेंस कालोनी स्थित अपने घर लौटे थे। लेकिन जब मंगलवार शाम चार बजे नौकर उन्हें जगाने उनके कमरे में गया तो देखा रोहित की नाक से खून निकल रहा है। उस वक्त उनकी मां उज्ज्वला तिवारी अस्पताल गई थीं जबकि पत्नी अपूर्वा और चचेरा भाई सिद्धार्थ घर पर ही थे। 

लेकिन इस हत्या की वजह क्या हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक इस हत्या में एक बड़ी वजह उनकी संपत्ति भी हो सकती है। क्योंकि नारायण दत्त तिवारी की मौत के बाद उनकी संपत्तियों के वारिस रोहित ही थे। जानकारी के मुताबिक रोहित शेखर का सिद्धार्थ के साथ संपत्ति विवाद चल रहा था। लेकिन परिवार को कोई भी व्यक्ति इस मामले में खुलकर नहीं बोल रहा है। हालांकि पुलिस सभी पहलु को ध्यान में रखकर जांच कर रही है और घर के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले रही है। पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि क्या रोहित ने कोई नशे की दवा ली थी या फिर नींद की गोली भी खाई थी।

हालांकि अभी तक घर वाले किसी पर भी शक जाहिर नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने उनकी मां और पत्नी से पूछताछ की और अभी तक उसके हाथ कुछ नहीं लगा है। गौरतलब है कि मंगलवार की शाम को रोहित शेखर को अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। हालांकि उस वक्त ये माना जा रहा था कि ये प्राकृतिक मृत्यु है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आयी है कि उनकी हत्या गला दबाकर हुई है और उनके गले पर कुछ निशान भी हैं।