पुलवामा आतंकवादी हमले की घटना के एक दिन बाद कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही स्थगित कर दी गई है। बृहस्पतिवार को सीआरपीएफ जवानों की बस पर आतंकवादियों के कायराना हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। 

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था की संभावित समस्या को देखते हुए शुक्रवार को किसी काफिले की आवाजाही नहीं होगी। अधिकारी ने बताया कि पृथक वाहनों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाई गई है जबकि घाटी के अंदरूनी, एक जिले से दूसरे जिले में और किसी जिले के अंदर सेना एवं सीआरपीएफ के वाहनों की आवाजाही भी शुक्रवार को प्रतिबंधित है। सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा जैसी किसी भी आतंकी वारदात की आशंका के मद्देनजर ये रोक लगाई गई है। 

बृहस्पतिवार को पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती बम हमलावर ने 100 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों से भरा अपना वाहन सीआरपीएफ जवानों की बस से टकरा दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। यह बस जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के 78 वाहनों के काफिले का हिस्सा थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी और आतंकवादियों से निपटने के लिये सुरक्षा बलों को पूरी छूट होगी। मोदी ने कड़े शब्दों में कहा कि ‘लोगों का खून उबल रहा है’ और आतंकवाद के सरपरस्तों को निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा।