जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गम और गुस्सा है। इस बीच, पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले की कड़ी निंदा तो की लेकिन साथ में बातचीत से मसले का हल निकालने की हिमायत भी करने लगे। उनका कहना है जान लेना कोई हल नहीं है। 

चंडीगढ़ में नवजोत सिंह सिद्धू से जब पत्रकारों ने पूछा कि पाकिस्तान की इस हरकत पर आपका क्या कहना है? तो उन्होंने कहा कि जो घटना हुई है, वह कायरतापूर्ण है। हम उसकी निंदा करते हैं। आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता, उनकी कोई जात नहीं होती। पुलवामा आतंकी हमला कायरतापूर्ण कार्रवाई है। इसका स्थायी समाधान बातचीत से निकालने की जरूरत है। कब तक जवान अपनी शहादत देते रहेंगे? कब  तक ये खून खराबा जारी रहेगा? लेकिन गालियां देने से कुछ नहीं होगा। 

जब सिद्धू से पूछा गया कि इस घटना के बाद करतारपुर कॉरिडोर और शांति वार्ता पर असर नहीं पड़ेगा तो जवाब में उन्‍होंने उल्‍टा सवाल किया कि क्या कुछ लोगों के काम को राष्ट्र या व्यकि विशेष को जिम्मेदार ठहरा सकते है? उन्होंने कहा कि 71 साल से ये ही होता आ रहा है। आतंक से कुछ नहीं मिलने वाला। अभी तक इस समस्या का हल नहीं निकला है शांति ही इसका हल है। सिद्धू ने कहा कि इस तरह की घटना से शांति को लेकर होने वाली बातचीत का क्रम कई साल पीछे चला जाता है।

नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान को लेकर अपने रुख के कारण निशाने पर रहे हैं। वह पाक के पीएम इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में गए थे ओर वहां वह पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था। इसके बाद पंजाब की राजनीति में तूफान मच गया था।