जम्मू-कश्मीर में हुए अब तक के सबसे  बड़े आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए। पुलवामा के अवंतीपोरा में जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर पहले फिदायीन हमला किया गया और फिर फायरिंग और ग्रेनेड दागे गए। 70 गाड़ियों के इस काफिले में एक बस हमलावर की गाड़ी से टकराई। इसमें 50 जवान सवार थे। ज्यादातर जवानों की हालत गंभीर है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की जोरदार निंदा करते हुए कहा कि पूरा देश शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमारे बहादुर जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। पीएम ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह हालात का जायजा लेने शुक्रवार को पुलवामा जाएंगे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी बात की है।

इस बीच, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पुलवामा में हुए कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है। उन्होंने घायल जवानों के जल्द ठीक होने की कामना करते हुए कहा कि आतंकियों को इसके लिए ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जिसे वो याद रखेंगे।

विदेश राज्यमंत्री जनरल रिटा. वीके सिंह ने भी घटना पर अपने गुस्से का इजहार किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि एक भारतीय और सैनिक होने के नाते मेरा खून खौल र हा है। सीआरपीएफ के जवान पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। मैं उनकी शहादत को सलाम करता हूं और वादा करता हूं कि जवानों के खून के हर कतरे का बदला लिया जाएगा। 

इधर, सियासत भी हुई तेज

कांग्रेस ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह पांच साल में हुआ 18वां हमला है। 56 इंच की छाती वाले कब जवाब देंगे?

उधर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी घटना पर दुख जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसके लिए अल्फाज नहीं हैं। सीमा पर कार्रवाई या  सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ हासिल होने वाला नहीं है। सभी दलों को एक साथ आकर इस खूंरेजी का हल खोजना होगा।