आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुके पाकिस्तान की हालत इतनी खराब हो गयी है कि वहां की राज्य सरकारें मुर्दों को दफनाने के लिए टैक्स लगा रही हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने मुर्दों को दफनाने के लिए प्रति कब्र पर 1000 से 1500 पाकिस्तानी रुपये का टैक्स लगाने का फरमान दिया है। 

पाकिस्तान में सरकार आर्थिक तौर पर कंगाल हो गयी है। पाकिस्तान को देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कड़ी शर्तों पर कर्ज लेना पड़ रहा है। जिसके कारण सरकार को नए-नए टैक्स लगाने पड़ रहे हैं और पुरानी टैक्स रियायतों को वापस लेना पड़ा रहा है।

जिसके बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और खराब होने के दावे किए जा रहे हैं। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को इसी बात से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान की पंजाब प्रांत सरकार ने मुर्दों को दफनाने के लिए भी कब्रों पर टैक्स लगा दिया है।

पंजाब सरकार ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए इस तरह का तुगलकी फरमान दिया है। फिलहाल पंजाब सरकार के इस फैसले का विरोध होना शुरू हो गया है। पंजाब सरकार ने वहां की कब्र के लिए 1 हजार से लेकर 15 सौ रुपये तक का टैक्स वसूलने का फैसला किया है।

उधर पाकिस्तान को आईएमएफ से मिल रहे कर्ज के बाद पाकिस्तान में इमरान सरकार का विरोध शुरू हो गया है। क्योंकि इससे पाकिस्तान में महंगाई और तेजी से बढ़ेगी। फिलहाल पाकिस्तान में गेहूं की कीमतों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान में गेहूं की रोटी के लाले पड़ गए हैं।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में गेहूं और आटे के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वहां पर इस बार गेंहू का उत्पादन कम होना है। जिसके बाद पाकिस्तान की इमरान सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। यही नहीं कोई भी कंपनी पाकिस्तान से आटे को भी निर्यात नहीं कर पाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान में इस बार गेहूं के उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है।