नई दिल्ली। माना जा रहा है कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं में शुमार प्रेम चंद्र गुप्ता को राजद उच्च सदन में भेज सकती है। हालांकि पार्टी के एक नेता इस बात को खारिज नहीं कर रहे हैं कि अगर इन दोनों नेताओं को राज्यसभा में भेजा गया तो पार्टी में फूट हो सकती है। क्योंकि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता राज्यसभा जाना चाहते हैं।

बिहार में राज्यसभा के पांच पद खाली हो रहे हैं। जिसमें राजद अपने बल पर दो नेताओं को राज्यसभा भेज सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय जनता दल राबड़ी देवी को राज्यसभा भेजने के पक्ष में है वहीं लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले प्रेम चंद गुप्ता को फिर से राज्यसभा भेजना चाहता है। गुप्ता लालू के करीबी नेताओं में हैं और अभी झारखंड से सांसद हैं।  माना जा रहा है कि गुत्पा को पार्टी के प्रति निष्ठा के लिए एक और कार्यकाल दिया जा सकता है।

गुप्ता आईआरसीटीसी घोटाले में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी और बेटे तेजस्वी के साथ आरोपी हैं। यह घोटाला आईआरसीटीसी के होटलों के आवंटन के दौरान हुआ था और उस वक्त लालू राजद प्रमुख थे और केन्द्र सरकार में रेल मंत्री भी थे। फिलहाल सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। वहीं माना जा रहा है कि राजद में राज्यसभा को लेकर फूट हो सकती है। क्योंकि लालू के करीब रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी भी राज्यसभा की पंक्ति में हैं।

ये दोनों नेता पार्टी के पुराने और  लालू के करीबी माने जाते हैं। वहीं राबड़ी यादव अभी विधान परिषद सदस्य है। लिहाजा पार्टी अगर राबड़ी को राज्यसभा में भेजती है तो इसका फायदा पार्टी को नहीं होगा। वहीं राजद में रघुवंश प्रसाद के विरोधी भी हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और रघुवंश प्रसाद ने एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाए। रघुवंश ने जगदानंद को लगत तरीके से पार्टी चलाने का आरोप लगाया है।

वहीं दोनों वरिष्ठ नेताओं ने रांची के रिम्म में लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और लालू ने दोनों दिग्गजों से अपने मतभेदों को दूर करने और एक साथ काम करने का आग्रह किया। हालांकि माना जा रहा है कि लालू ने इन दोनों नेताओं ने संभावित नेताओं के लिए भी बातचीत की।