बिहार। राज्य की विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव में तीन सीटें राष्ट्रीय जनता दल के खाते में जाएंगे और इसके लिए पार्टी ने तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। राजद ने इन तीन सीटों के लिए राबड़ी देवी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की दावेदारी को दरकिनार कर राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई  सुनील सिंह को भी टिकट दिया है। सुनील सिंह को लालू परिवार के बेहद करीबी माना जा जाता है और लालू परिवार पर जब भी कोई संकट आया है सुनील कुमार सिंह परिवार के साथ खड़े रहे हैं और परिवार को संकट से उबारा है।


राजद में विधानपरिषद के चुनाव के लिए पार्टी ने आखिरकार 3 प्रत्याशियों को मैदान में उतार ही दिया है। हालांकि पार्टी में टिकट पाने वालों की लंबी फेहरिस्त थी, लेकिन पार्टी ने तीन प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाकर बगावत शांत करने की कोशिश की है। हालांकि पार्टी में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव परिषद की सीट के लिए दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार कर सुनील कुमार सिंह टिकट दिया है। सिंह को राबड़ी देवी अपना भाई मानती हैं और लालू परिवार में उनके बच्चे उन्हें अपना मामा मानते हैं। सुनील कुमार सिंह को राजद नेता तेजस्वी और तेजप्रताप यादव मामा कहकर बुलाते हैं और राबड़ी उन्हें हर साल राखी बांधती है।

सुनील कुमार सिंह को लालू परिवार का करीबी माना जाता है और  सिंह परिवार पर आने वाले संकट में उनके साथ खड़े रहते हैं। इसके साथ ही दूसरे प्रत्याशी प्रोफेसर रामबली चंद्रवंशी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।  चंद्रबली राजद के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और लालू के करीबी माने जाते हैं। वहीं तीसरे प्रत्याशी मो. फारूख के बारे में बताया जा रहा कि वह मुंबई के कारोबारी हैं और बिहार के शिवहर के मूल निवासी हैं। वह काफी समय से लालू परिवार के करीबी हैं और शरद यादव ने उनकी राजनीति में एंट्री कराई है।  हालांकि चुनावी साल होने के कारण भी फारूख को पार्टी ने टिकट दिया है। क्योंकि बताया जा रहा है कि मोहम्मद फारुख के पास अकूत संपत्ति है।