जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों और 'खालिस्तान' की मांग कर रहे कट्टरपंथी सिख संगठनों की गठजोड़ खुलकर सामने आ गया है। कट्टरपंथी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस'  के गुरपतवंत सिंह पन्नून ने एक कुख्यात आतंकवादी संगठन से जुड़े तीन कश्मीरी छात्रों को कानूनी सहायता देने की पेशकश की है। 'सिख फॉर जस्टिस' नाम का यह संगठन 'रेफरेंडम 2020' का समर्थन कर रहा है, जो अलग खालिस्तान की मांग को लेकर दबे पांव चलाया जा रहा अभियान है।

'सिख फॉर जस्टिस' नाम का कट्टरपंथी संगठन भारत में आईएसआईएस के मुखौटा कहे जाने वाले आतंकवादी संगठन अंसार गजवत उल हिंद से जुड़े जिन तीन कश्मीरी छात्रों के समर्थन में खुलकर आगे आया है, उन्हें कुछ दिन पहले जालंधर के एक कॉलेज हॉस्टल से हथियारों एवं गोला बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया है। अंसार गजवत उल हिंद का सरगना जाकिर मूसा है। जालंधर से पकड़े गए छात्रों के नाम जाहिद गुलजार, मो. इद्रीश शाह और यूसुफ भट हैं। ये सभी जाकिर मूसा के भाई के संपर्क में थे और राजधानी दिल्ली में किसी बड़ी आतंकी वारदात की फिराक में थे। 

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पुलिस सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि तीनों 'आतंकी' छात्र 'रेफरेंडम 2020' को समर्थन देने के लिए ही पंजाब में थे और नई दिल्ली में एक बड़ी आतंकी वारदात के लिए जमीन तैयार करने में मदद कर रहे थे। '

पकड़े गए इन छात्रों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि अंसार गजवत उल हिंद का सरगना जाकिर मूसा भी 'रेफरेंडम 2020' की आग भड़काने के लिए पंजाब आया था। उसकी साजिश सिख युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए भड़काने की है। 

उधर, कट्टरपंथी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' का कहना है कि वह जालंधर के कॉलेज हॉस्टल से पकड़े गए इन छात्रों को कानूनी मदद उपलब्ध कराएगा। खालिस्तान समर्थन कट्टरपंथी संगठनों और कश्मीर आतंकियों के बीच लिंक पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।  'सिख फॉर जस्टिस' ने कहा है कि वह कश्मीर की कथित 'आजादी' का भी समर्थन करेगा।

जम्मू के कई इलाकों में  'रेफरेंडम 2020' के पोस्टर देखे गए हैं। इससे साफ हो गया है कि कश्मीरी आतंकी संगठन और खालिस्तान समर्थक कश्मीर संगठन जम्मू इलाके के सिख युवकों को आतंकवाद की आग में धकेलने की फिराक में हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन पोस्टरों को हटवा दिया है।