फ्रांस ने अपने पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकोइस होलांदे के भारत सरकार द्वारा राफेल सौदे में साझेदार का नाम सुझाने के दावे को खारिज कर दिया है। फ्रांस की ओर से कहा गया है कि उनकी सरकार 36 राफेल विमानों के सौदे में फ्रांसीसी कंपनियों द्वारा अपना सहयोगी चुनने में किसी भी तरह से शामिल नहीं रही है। सरकार की भूमिका विमानों की आपूर्ति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने तक सीमत है। 

एक प्रेस विज्ञप्ति में फ्रांस सरकार की ओर से कहा गया है, 'फ्रांस सरकार किसी थी रूप में भारतीय इंडस्ट्रीच से साझेदार चुनने में शामिल नहीं थी। इसका चयन फ्रांसीसी उत्पादक द्वारा किया गया था। भारत की खरीद प्रक्रिया के अनुसार, फ्रांसीसी कंपनियां भारतीय साझेदार चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। वह ऐसी किसी भी कंपनी का चयन कर सकती हैं, जो उन्हें सबसे ज्यादा सही लगती हो।'

फ्रांस सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया जब पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस दावे को लेकर सियासी तूफान आया हुआ है कि भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम उन्हें सुझाया था। 

फ्रांस सरकार की ओर से देर रात जारी बयान में कहा गया है कि '23 सितंबर, 2016 को भारत और फ्रांस के बीच 36 राफोल विमानों की आपूर्ति के लिए किए गए अंतर सरकारी समझौते में फ्रांसीसी सरकार का एक मात्र दायित्व इस विमान की गुणवत्ता और आपूर्ति सुनिश्चित करना है।'