कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी शासित कई राज्यों के मंत्रियों और विधायकों को अनोखा फरमान सुनाया है। राहुल ने मुख्यमंत्रियों को आदेश दिया है कि पार्टी प्रत्याशी की अगर हार होती है तो उस प्रत्याशी के जिले के मंत्री को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। लेकिन अगर प्रत्याशी जीतता है तो वहां के विधायक को कैबिनेट में जगह मिलेगी या फिर मंत्री का प्रमोशन होगा।

जिसके कारण कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्रियों और विधायकों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। कांग्रेस आलाकमान के इस फरमान के बाद मंत्रियों ने जमकर चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक बड़ा आदेश दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए मंत्रियों की जिम्मेदारी तय करने का आदेश दिया है। इसके तहत प्रत्येक मंत्री को जिले का प्रभार सौंपा गया है। संबंधित मंत्री की लोकसभा सीट लड़ रहे प्रत्याशी के हार जीत से ही मंत्री का भविष्य होगा।

चार दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चेतावनी दी थी कि अगर जिले के प्रभारी मंत्रियों के प्रत्याशियों की हार हुई तो उनको चुनाव के बाद मंत्रिपद से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्री जिले में जाकर प्रत्याशी के प्रचार के लिए पूरी ताकत लगा दें। अगर प्रत्याशी जीता तो मंत्री का प्रमोशन होगा और अगर वह हारा तो उसे कैबिनेट से बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन इसी फार्मूले को पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह लागू करने जा रहे हैं।

उन्होंने पंजाब में उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी संबंधित जिले के मंत्रियों और विधायकों पर डाल दी है। कैप्टन ने अपने मंत्रियों से साफ कहा कि आलाकमान ने ये निर्देश दिया है कि अगर पार्टी प्रत्याशी की जीत नहीं होती है तो इसके लिए जिम्मेदार मंत्री को चुनाव के बाद कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए। कैप्टन ने साफ किया है कि ये फैसला उनका नहीं है बल्कि ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को मिशन 13 फतह करना है। फिलहाल कांग्रेस के इस फैसले से मंत्री और विधायक परेशान चल रहे हैं।

क्योंकि जो विधायक अपने लोकसभा प्रत्याशी को जीतने में विफल रहेंगे, उन्हें अगली बार पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा और साथ ही पार्टी ने बोर्ड-निगमों के चेयरमैन पदों से छुट्टी हो जाएगी। यही नहीं चुनाव के बाद खाली पड़े निगम और अध्यक्षों के पद पर विजय प्रत्याशी के जिले के विधायक को नियुक्त किया जाएगा।