केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आरोप है कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रही है, लेकिन पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से जो तथ्य आए हैं वो दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है। 

स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कांफ्रेन्स करके कहा कि एक समाचार सूत्र के माध्यम से जानकारी मिली है कि एच एल पाहवा नाम के एक व्यक्ति के यहां ED की रेड में उसके पास से राहुल गांधी के साथ लेनदेन से संबंधित दस्तावेज मिले हैं।  जमीन की खरीदारी से संबंधित इन दस्तावेजों से ये बात सामने आई कि एच एल पाहवा के साथ राहुल गांधी के आर्थिक संबंध हैं। 

स्मृति ईरानी ने आगे बताया कि एच एल पाहवा के यहां हुई रेड में चौकाने वाली बात ये है कि उनके पास जमीन की खरीद फरोख्त के लिए पैसे नहीं थे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए जमीन खरीदने के लिए सीसी थंपी ने 50 करोड़ से ज्यादा रुपये दिए।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सीसी थंपी के तार जुड़े हैं। इन सौदों की जांच में पता लगता है जीजा जी रॉबर्ट वाड्रा के साथ साले साहब यानी राहुल गांधी भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि लोगो को लगता था कि जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा की भूमिका है, लेकिन जो तथ्य सामने आए है उससे साफ हो गया है कि इस घोटाले में राहुल गांधी भी लिप्त है। यूरोफाइटर को रक्षा सौदा मिले। यह राहुल गांधी की निजी इच्छा थी, उनके इंटरेस्ट इसमें शामिल थे। भ्रष्टाचार में राहुल गांधी खुद शामिल थे। 

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा कि अब साले साहब खुद जनता को बताएं कि रक्षा सौदो में उनकी (राहुल गांधी) इतनी रुचि क्यों है, वो बताएं कि क्या देश की सुरक्षा को चंद रुपयों के लिए, जमीन के लिए, राहुल गांधी ने क्या शहीद करने का प्रयास किया?