अमेठी में नामांकन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक के दावे पर पार्टी की किरकिरी होती दिख रही है। कांग्रेस का दावा है कि राहुल की सुरक्षा में कोताही बरती जा रही है। अमेठी में उन पर लगातार लेजर लाइट मारी जा रही थी। हालांकि इस दावे को राहुल की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने ही नकार दिया। इससे पहले, एक पत्र सामने आया था, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला ने राहुल की जान को खतरा होने की बात कही थी। सुरक्षा में चूक के लिए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसपीजी से सफाई मांगी थी। एजेंसी ने गृह मंत्रालय को बताया है कि जिस लेजर लाइट का कांग्रेस जिक्र कर रही है, वह उन्हीं के कैमरामैन के मोबाइल फोन की है। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि उन्हें कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, एसपीजी के डायरेक्टर ने उन्हें बताया कि जो हरी लाइट वीडियो में दिखाई दे रही है वह एआईसीसी (कांग्रेस) के ही कैमरामैन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फोन की है। 

दरअसल, राहुल गांधी ने 10 अप्रैल को अमेठी में नामांकन किया था। वहां उनके साथ मां सोनिया गांधी के अलावा पूरा वाड्रा परिवार भी था। नामांकन भरने के बाद राहुल ने मीडिया से बात की थी। इस दौरान उनके चेहरे पर हरी लाइट नजर आ रही थी। कांग्रेस की ओर से इसका वीडियो जारी कर कहा गया कि यह राहुल की सुरक्षा में बड़ी चूक है। कांग्रेस ने दावा किया कि कई बार राहुल गांधी पर ग्रीन कलर की लेजर लाइट मारी गई। यह उनकी कनपटी पर दिखाई दे रही थी। 

केंद्र को लिखे गए पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर राहुल गांधी को  सुरक्षा दी जानी चाहिए। पत्र में राहुल के पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी पर हुए हमलों का भी जिक्र किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि इस तरह साजिश से देश के दो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को मारा गया। पत्र में आगे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की गई है।