पश्चिम बंगाल में शारदा चिटफंड का मामला अब राजनैतिक बन चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस मामले में सीधे तौर पर आ जाने के बाद अब विपक्षी दल भी उसके साथ खड़े हैं। चौंकाने वाले ये ही कि कभी ममता बनर्जी पर सारदा चिटफंड को लेकर आरोप लगाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष अब ममता बनर्जी के साथ खड़े हो ममता सरकार के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और संरक्षण भी।
पश्चिम बंगाल में शारदा चिटफंड का मामला अब राजनैतिक बन चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस मामले में सीधे तौर पर आ जाने के बाद अब विपक्षी दल भी उसके साथ खड़े हैं। चौंकाने वाले ये ही कि कभी ममता बनर्जी पर सारदा चिटफंड को लेकर आरोप लगाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष अब ममता बनर्जी के साथ खड़े हो ममता सरकार के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और संरक्षण भी।
शारदा चिट फंट घोटाला अरसे से राज्य सरकार की मुसीबत बना हुआ है। इस मामले में सीधे तौर से राज्य की टीएमसी सरकार के सांसद और नेता फंसे हुए हैं। इसलिए ममता बनर्जी इस मामले की सीबीआई जांच नहीं चाहती है। पश्चिम बंगाल में गरीब और आम आदमी का पैसा कई गुना का दावा करने वाले शारदा चिटफंड कंपनी में टीएमसी नेताओं की हिस्सेदारी सबके सामने आ चुकी है। लिहाजा अब ममता सरकार अफसरों से लेकर नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है और कोलकाता मेट्रो चैनल पर धरना दे रही है। इस धरने के कई विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी दे रहे हैं।"
लेकिन राहुल गांधी कभी इस मुद्दे पर राज्य की ममता सरकार को सीधे तौर पर कठघरे में खड़ा करते थे और अब भ्रष्टाचार के समर्थन दे रहे हैं। राहुल गांधी ने कुछ समय पहले अपने भाषण मे कहा कि “ममता जी कहती हैं कि वह भ्रष्टाचार को बंगाल से मिटा देंगी, लेकिन अब उन्हें भ्रष्टाचार नहीं दिखाई देता है। उनके सामने उनके लोगों ने चोर की तो उन लोगों के खिलाफ उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया बल्कि उनकी रक्षा की”। राहुल गांधी राज्य में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी सरकार को भ्रष्टाचार पर घेरते आए हैं और उन्हीं के भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं।
राहुल ने ममता के धरने को अपना समर्थन दिया है। अब आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल किन मुद्दों पर जनता के दरबार में जाएंगे। राज्य में अगर कांग्रेस को अपना वजूद बचाना है तो उसे ममता के खिलाफ अपना रूख सख्त करना होगा। हालांकि सच्चाई ये भी है कि राज्य में कांग्रेस पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है। राज्य में हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस के एक्का दुक्का प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाएं थे, जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर आयी।
Last Updated Feb 4, 2019, 7:28 PM IST